आयुष्मान भारत योजना के तहत अब सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने को देनी होगी प्राथमिकता

 आयुष्मान भारत योजना के तहत अब सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने को देनी होगी प्राथमिकता


आयुष्मान भारत योजना में पहले प्राइवेट अस्पतालों में इसकी काफी सुविधा दी गई थी। अब सरकार इसमें बदलाव करते हुए जो सुविधा सरकारी अस्पताल में नहीं हैं तब ​ही प्राइवेट अस्पताल से यह सुविधा ली जा सकेगी। पहले इस योजना के तहत 194 बीमारियों को चयनित किया गया था  जिससे इस योजना का लाभ प्राइवेट अस्पताल से लिया जा सकता था लेकिन अब 30 बीमारियों का इलाज इस योजना के त​हत प्राइवेट अस्पताल में करवाया जा स​केगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जागरण की ये रिपोर्ट पढ़ें:

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स्रोत : जागरण राज नरूला, अबोहर : आयुष्मान भारत योजना में पांच लाख रुपये तक का इलाज कराने की सुविधा तो सरकार द्वारा प्रदान की गई है। इसमें पहले काफी सुविधाएं प्राइवेट अस्पतालों में प्रारंभ की गई थी लेकिन अब सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए अनेक तरह की सुविधाएं खासकर आपरेशन करवाने की सुविधाएं वापस ले ली है।

अब सरकार के नए आदेशों में आयुष्मान योजना के तहत केवल वही सुविधाएं प्राइवेट अस्पतालों में ली जा सकेगी जो सरकारी अस्पताल में नहीं है या फिर किसी इमरजेंसी केस में। सरकार द्वारा अब यह शर्त लगा दी गई है कि प्राइवेट अस्पताल में इस योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी अस्पताल के एसएमओ से रेफर करवाना होगा व एसएमओ उन्हीं हालत में केस को रेफर करेगा या कोई इमरजेंसी हो या वह सुविधा सरकारी अस्पताल में न हो। पहले इस योजना के तहत 194 बीमारियों को चयनित किया गया था जिसके तहत इस योजना का लाभ प्राइवेट अस्पतालों में भी लिया जा सकता था लेकिन अब सरकार ने इसमें अधिकतर सुविधाएं वापिस ले ली है व अब केवल 30 बीमारियों का इलाज ही प्राइवेट अस्पतालों में इस योजना के तहत करवाया जा सकेगा, वह भी अगर उसकी सुविधा सरकारी अस्पताल में न हो। केवल नेत्र रोग संबंधी केस कर रहे रेफर : एसएमओ

सरकारी अस्पताल के एसएमओ डॉ. गगनदीप सिंह ने बताया कि इस समय सरकारी अस्पताल में सिजेरियन, हर तरह के सर्जरी के आपरेशन करने की सुविधा है। इसके चलते अब सर्जरी के केस व सिजेरियन सरकारी अस्पताल में ही होंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में पहले आर्थो स्पेशलिस्ट नहीं था जिसके चलते ऐसे केसों को रेफर करना पड़ता था लेकिन अब आर्थो स्पेशलिस्ट की नियुक्ति भी हो चुकी है। इसके चलते अब आर्थो के आपरेशन व इलाज भी यहीं होगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल सरकारी अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट नहीं है लिहाजा ऐसे केसों को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया जाता है। सरकारी अस्पताल से रेफर होने पर ही करेंगे इलाज : डॉ. लतिका

उधर, नागपाल नर्सिग होम की संचालकिा डॉ. लतिका नागपाल ने कहा कि उनके पास आयुष्मान योजना की सुविधा तो है लेकिन अब सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। अगर सरकारी अस्पताल से रेफर होकर केस आएगा तो ही वह उसका इलाज कर पाएंगे। इसी तरह डॉ. लूना नर्सिग होम के संचालक डॉ. विनीत लूना ने बताया कि सरकार ने काफी तरह के आपेरशन करने की सुविधा उनसे वापस ले ली है जबकि पहले उनके पास इस योजना के तहत काफी आपरेशन करने की अनुमति थी। इसके अलावा वीकेयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. वीरेंद्र चौधरी ने भी यह बताया कि सरकार ने इस योजना में कुछ बदलाव किया है व अब प्राइवेट अस्पताल से इलाज करवाने के लिए सरकारी अस्पताल के एसएमओ से रेफर करवाना जरूरी कर दिया गया है।

स्रोत : जागरण

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