सरकार द्वारा समय-समय पर 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों को जमा करने की कार्रवाई की समीक्षा की गई है। 500 और 1000 के पुराने नोटों का लीगल टेंडर स्वरूप निरस्त किए जाने की घोषणा के 5 सप्ताह से अधिक हो गए हैं। आशा की जाती है कि अब तक अधिकतर लोगों ने अपने पास रखे हुए पुराने नोटों को जमा कर दिए होंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए और बैंकों में लगी कतारों को कम करने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि 5000 रूपये से अधिक के पुराने नोट अब से और 30 दिसंबर, 2016 के बीच केवल एक बार ही जमा किए जा सकेंगे।
5000 रूपये से अधिक पुराने नोट अब से 30 दिसंबर 2016 के बीच केवल एक बार ही जमा किए जा सकेंगे
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
19-दिसंबर, 2016
5000 रूपये से अधिक पुराने नोट अब से 30 दिसंबर 2016 के बीच केवल एक बार ही जमा किए जा सकेंगे
सरकार द्वारा समय-समय पर 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों को जमा करने की कार्रवाई की समीक्षा की गई है। 500 और 1000 के पुराने नोटों का लीगल टेंडर स्वरूप निरस्त किए जाने की घोषणा के 5 सप्ताह से अधिक हो गए हैं। आशा की जाती है कि अब तक अधिकतर लोगों ने अपने पास रखे हुए पुराने नोटों को जमा कर दिए होंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए और बैंकों में लगी कतारों को कम करने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि 5000 रूपये से अधिक के पुराने नोट अब से और 30 दिसंबर, 2016 के बीच केवल एक बार ही जमा किए जा सकेंगे। बैंकों को सलाह दी गई है कि वे इन नोटों को पहले जमा नहीं करने के कारण के बारे में उचित मानक अपनाएं। 5000 रूपये और उससे कम की राशि उपभोक्ता के बैंक खातों में अभी की तरह जमा की जा सकेगी। लेकिन 19 और 30 दिसंबर, 2016 के बीच 5000 रूपये से अधिक जमा की जाने वाली राशि के संबंध में भारतीय रिजर्व की परामर्श प्रक्रियाओं के अनुसार होगी।
जनसाधारण को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) 2016 के अंतर्गत 30 दिसंबर, 2016 तक 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोट से टैक्स, पैनल्टी, शेष/सरचार्ज का भुगतान करने और राशि जमा करने का अवसर दिया गया है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों (डीसीसीबी) ने कहा है कि 10 नवंबर तथा 14 नंवबर, 2016 के बीच एकत्रित 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों को उनके संबद्ध करेंसी चेस्ट में जमा करने की अनुमति उन्हें दी जाए। इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। जिला सहकारी बैंकों की निगरानी नाबार्ड करता है और नाबार्ड नोट जमा करने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं और नोट जमा करने वाले प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (पीएसीएस) के सदस्यों का नो योर कस्टमर (केवाईसी) कागजातों का पूरी तरह ऑडिट करेगा। इस संबंध में विस्तृत ब्यौरा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
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स्रोत : PIB
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