वित्त मंत्रालय
सरकार ने किसानों, गरीबों और अन्य कमजोर वर्गों के लाभ हेतु विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया
मजबूत बुनियादी सुधारों की श्रृंखला मध्यम और दीर्घकालीन अवधि में दृढ़ वृद्धि को प्राप्त करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में सहायक बन रही है।
प्रकाशन तिथि: 01 FEB 2018 2:23PM by PIB Delhi
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने राजनीतिक लाभ-हानि पर ध्यान दिए बिना हर क्षेत्र में गंभीरता से कार्य किए हैं। लोकसभा में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामले मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने देश में किसानों, गरीबों और अन्य कमजोर वर्गों को लाभ देने और अविकसित क्षेत्रों के उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ किया है।
सरकार उज्जवला योजना के माध्यम से देश के गरीबों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन प्रदान कर रही है। सौभाग्य योजना के माध्यम से चार करोड़ घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। तीन हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्रों में 800 से ज्यादा दवाईयां कम मूल्य पर बेची जा रही हैं। स्टैंट की कीमत नियंत्रित की गई है गरीबों के लिए नि:शुल्क डायलिसिस हेतु विशेष योजना शुरू की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों और मध्यम वर्ग को आवास योनजाओं में भी ब्याजदर में बड़ी राहत दी जा रही है। सरकारी सेवाएं चाहे बस या ट्रेन टिकट या सभी को ऑनलाइन प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। दो से तीन दिन के भीतर घर पर पासपोर्ट, एक दिन में कंपनी का रजिस्ट्रेशन जैसे लाभ देश में बड़े वर्ग को दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्रों को सत्यापित करने की बाध्यता खत्म कर दी और समूह ‘ग’ और ‘घ’ नौकरी में साक्षात्कार समाप्त करने से लाखों नौजवानों को समय और पैसे की बचत हुई है। सरकार हर व्यक्ति को उपयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री जेटली ने कहा कि चार वर्ष पूर्व वर्तमान सरकार ने एक ईमानदार स्वच्छ और पारदर्शी सरकार देने की शपथ ली थी। सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए कड़े फैसले लेने में सक्षम नेतृत्व का भरोसा दिलाया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबी को समाप्त करने बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाने के साथ-साथ एक दृढ़, आत्म विश्वास से परिपूर्ण नवीन भारत के निर्माण का संकल्प लिया था।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचे के सुधारों की एक श्रृंखला को सफलतापूर्वक कार्यांवित किया है। माल और सेवाकर (जीएसीट) सहित अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बना दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से गरीबों तक लाभ पहुंचाने का लक्ष्य और प्रभावी हुआ है। उच्च मूल्य की मुद्रा के विमुद्रीकरण से संचालन में नकदी मु्द्रा की मात्रा कम हुई है। इससे कराधान आधार और अर्थव्यवस्था को और अधिक डिजिटल बनाने में मदद मिली है।
वित्त मंत्री ने कहा कि शोधन अक्षमता और दिवालियापन कोड को लागू किए जाने से ऋणी-ऋणदाताओं के बीच संबंध बदला है। बैंकों के पुन: पूंजीकरण से बैंक अब विकास की गति को सहायता प्रदान करने में अधिक सक्षम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी संरचनात्मक सुधारों से मध्यम और दीर्घावधि में भारतीय अर्थव्यवथा को लंबे समय तक टिकाऊ सुदृढ़ विकास गति को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके परिणाम स्वरूप भारत विश्व की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने हाल ही में भारत के लिए अगले वर्ष में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है।
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http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1514419
Source: PIB
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