पैसों की कमी के चलते गरीबों के मकान बनाने का काम न रुके और समयावधि में पूरा हो जाए, इसके लिए नगर निगम 200करोड़ रुपए का लोन लेगा

पैसों की कमी के चलते गरीबों के मकान बनाने का काम न रुके और समयावधि में पूरा हो जाए, इसके लिए नगर निगम 200 करोड़ रुपए का लोन लेगा

पत्रिका, इंदौर . प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6 स्थानों पर निर्माण चल रहा है और कई जगह शुरू होने वाला है। पैसों की कमी के चलते गरीबों के मकान बनाने का काम न रुके और समयावधि में पूरा हो जाए, इसके लिए नगर निगम 200करोड़ रुपए का लोन लेगा। बैंकों से ऑफर बुलवाने के लिए टेंडर जारी किए हैं। जो बैंक ब्याज दर कम रखेगी, उससे लोन लिया जाएगा। भूरी टेकरी के साथ लिंबोदी, बुढ़ानिया, देवगुराडिय़ा, बड़ा बांगड़दा और गोम्मटगिरी के सामने निर्माण चल रहा है। कलेक्टर और आईडीए से मिली जमीन पर निर्माण के लिए टेंडर जारी किए हैं। गरीबों के अलावा मध्यमवर्गीय लोगों के लिए भी मकान बनेंगे, जो लोगों को बैंक से लोन दिलाकर आसान किस्तों और सब्सिडी पर दिए जाएंगे।

जरूरत पडऩे पर लेंगे पैसा 
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निगम 200 करोड़ रुपए का लोन तो ले रहा है, लेकिन इस पैसे का उपयोग तभी किया जाएगा, जब जरूरत होगी। पैसों की कमी के कारण काम न रुके, इसलिए लोन अभी से लिया जा रहा है। 
ऐसे जमा होगी किस्त 
200 करोड़ के लोन की किस्त एलआईजी, एमआईजी और कमर्शियल फ्लैट बेचकर मिलने वाले पैसों से भरी जाएगी। कारण गरीबों को मकान देने के बाद निगम को बैंक से उन्हें लोन करवाकर देना है और पैसा किस्तों में मिलेगा। पहले 10 प्रतिशत, फिर 30-30 प्रतिशत पैसा अलग-अलग साल में मिलेगा। टारगेट 67 हजार का, बन रहे 5 हजार निगम सीमा में योजना के तहत बहुमंजिला इमारत में 67 हजार यूनिट यानी फ्लैट बनाने का टारगेट है। अब तक काम 5 हजार फ्लैट का ही शुरूहुआ है।

एसबीआई ने दिया ऑफर, पर नहीं लिया 
टेंडर से पहले निगम अफसरों ने कुछ बैंकों से बात की। इंटरनेशनल बैंक 8.8 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन देने को राजी हुई। एसबीआई 8 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन दे रही थी। सिर्फ एसबीआई का ऑफर आने पर लोन लेने से कई सवाल खड़े हो जाते, इसलिए अन्य बैंकों से भी टेंडर जारी कर ऑफर बुलवाए हैं।

निगम ने जारी किए हैं टेंडर 
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब वर्ग के लिए आवास का निर्माण हो रहा है। पैसों के अभाव में काम न रुके, इसलिए महापौर के निर्देश पर 200 करोड़ रुपए का लोन ले रहे हैं। कुछ बैंकों ने ऑफर दिया था, लेकिन ब्याज दर अधिक होने पर निगम ने टेंडर जारी किए, ताकि कॉम्पटीशन हो और लोन की ब्याज दर कम आए। जिस बैंक की ब्याज दर कम होगी, उससे लोन लेंगे। 

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