सरकार की नई आवास नीति के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना में सस्ते आवास पर ठिठक रहे बिल्डरों के कदम

सरकार की नई आवास नीति के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना में सस्ते आवास पर ठिठक रहे बिल्डरों के कदम

जागरण, देहरादून: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022 तक सभी लोगों को आवास मुहैया कराने की राह आसान नजर नहीं आ रही है। योजना में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) को ही 15 हजार आवास बनाने का लक्ष्य मिला है और अब तक करीब आठ हजार लाभार्थियों की सूची भी एमडीडीए को भेजी जा चुकी है। जबकि एमडीडीए दो हजार से भी कम आवास निर्माण पर स्थिति साफ कर पाया है।


इस निर्माण में भी करीब आधी भागीदारी एमडीडीए की रहेगी और निजी बिल्डरों की बात करें तो महज एक बिल्डर ही आगे आया है। अन्य किसी बिल्डर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण का प्रस्ताव एमडीडीए को नहीं मिल पाया है। यह तस्वीर तब है, जब प्रधानमंत्री आवास योजना में बिल्डरों को लुभाने के लिए सरकार ने नई आवास नीति में विशेष प्रावधान किए हैं। यदि कोई बिल्डर कृषि भूमि पर योजना के मुताबिक ईडब्ल्यूएस या एलआइजी आवास तैयार करता है तो लैंड यूज बदलने के लिए उसे सरकार को कोई शुल्क नहीं देना होगा। जबकि, लैंड यूज बदलने का शुल्क ही सर्किल रेट का 100 फीसद तक बैठ जाता है। इसके अलावा आवास निर्माण करने पर संबंधित बिल्डर से एमडीडीए किसी तरह का डेवलपमेंट चार्ज भी नहीं लेगा।

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