प्रधानमंत्री आवास योजना में खुल रही मनमानी की पोल
जागरण, उत्तर प्रदेश, कुशीनगर: केंद्र की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में मनमानी की पोल खुलने लगी है। अपात्रों को आवास दिए जाने व धन के बंदरबांट की जांच में पुष्टि होने पर गांव-गांव हड़कंप मच गया है। ब्लाक मुख्यालय पर पहुंच रही शिकायतों से जिम्मेदारों का गला फंसता दिख रहा है तो उनके होश उड़ने लगे हैं। जिम्मेदारों ने धन की लालच में अपने अपात्र चहेतों को भी पात्र बना आवास दे डाला तो ब्लाक के जिम्मेदारों ने भी अपने चहेतों को बचाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। विकास खंड टेढ़ी के ग्रामीणों की शिकायत पर एडीओ को-आपरेटिव एवं एपीओ के द्वारा की गई जांच में चार अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास दिया जाना पाया गया। धन तो अपात्रों से वापस तो करा लिया गया, लेकिन जांच की पत्रावली ही ब्लाक से गायब हो गई है। इसी विकास खंड के ग्राम पंचायत दरबहा गंगा छपरा में तीन प्रधानमंत्री आवास लाभार्थियो को एडीओ को-आपरेटिव के ही जांच में अपात्र पाया गया। सिरसिया बुजुर्ग में भी चार अपात्रों के पाए जाने का खुलासा हुआ। इस दोनों मामले में आहरित धन तो वापस करा लिया गया परन्तु जिम्मेदारों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से जिम्मेदारों के विरुद्ध ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। ग्रामीणों ने बड़े गावों के प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभाíथयो की रेंडम जांच करवाने की मांग की है। आरोप लगाया कि अधिकतर लाभार्थी पूर्व में इंदिरा आवास का लाभ उठा चुके है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकतर गांवों की शिकायतें तो ब्लाक स्तर पर ही दब जाती है। खंड विकास अधिकारी रघुनाथ ¨सह ने बताया कि सम्बन्धित गांवों की जांच के बाद जिम्मेदारों से जबाब मांगते हुए कार्रवाई की संस्तुति के लिए विभाग को लिखा गया है। कहा कि जिसकी भी संलिप्तता पाई जाएगी कार्रवाई होगी।
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