PM’s Speech at the launch of Mohanpura Irrigation Scheme in Madhya Pradesh

PM’s Speech at the launch of Mohanpura Irrigation Scheme in Madhya Pradesh

सबी बेन भई पांवणा, ओरएं म्हारो राम राम जी।

विशाल संख्या में पधारे हुए राजगढ़ क्षेत्र के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

जून महीने की इस भयानक गर्मी में आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में आना मेरे लिए, हम सभी सा‍थियों के लिए, एक बहुत बड़ा आशीर्वाद है। आपके इस स्नेह के आगे मैं सिर झुका करके नमन करता हूं। आपकी यही ऊर्जा, यही आशीर्वाद, भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकर्ता को आपकी सेवा करने के लिए नित्‍य नूतन प्रेरणा देता रहता है।

ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज 4 हज़ार करोड़ रुपए की मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के लोकार्पण के साथ-साथ पानी की तीन बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत करने का भी अवसर मिला। इन सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े हर व्यक्ति को, अपने सिर पर ईंटे उठाने वाले महानभावों को, तसला उठाने वाली माताओं, बहनों, भाइयों को, फावड़ा चलाने वालों को, छोटी-छोटी मशीनों से ले करके बड़े-बड़े यंत्र चलाने वाले को मैं इस सफलता के लिए प्रणाम करता हूं, उनका मैं अभिनंदन करता हूं।

गर्मी हो या बरसात, राष्ट्र निर्माण के जिस पुण्य कार्य में वे जुटे हैं, वो अतुलनीय है। मेरे प्‍यारे भाइयो-बहनों, बटन दबाकर लोकार्पण करना एक महज औपचारिकता है, लेकिन इन परियोजनाओं का असली लोकार्पण तो आपके पसीने से हुआ है, आपके श्रम से हुआ है। आपके पसीने की महक से ये महक उठा है।

आप जैसे करोड़ों लोगों के इसी श्रम से, इसी आशीर्वाद की वजह से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सफलतापूर्वक जनसेवा करते-करते, एक के बाद एक जनकल्‍याण के फैसले लेते-लेते चार वर्ष की यात्रा पूर्ण की है। इतनी बड़ी संख्या में आपका आना इस बात की गवाही दे रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर, उसकी नीतियों पर आपका कितना विश्वास है। जो लोग देश में भ्रम फैलाने में लगे हैं, झूठ फैलाने में लगे हैं, निराशा फैलाने में लगे हैं, वो जमीनी सच्चाई से किस तरह कट चुके हैं, आप इसकी साक्षात तस्वीर हैं।

ये भी बहुत बड़ा संयोग है कि आज 23 जून, देश के महान सपूत, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है। 23 जून के दिन कश्मीर में उनकी शंकास्पद मृत्यु हुई थी। आज के इस अवसर पर मैं डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्‍य स्‍मरण करता हूं, उनको नमन करता हूं, और आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

भाइयों और बहनों, डॉक्टर मुखर्जी कहा करते थे- ‘कोई भी राष्ट्र सिर्फ अपनी ऊर्जा से ही सुरक्षित रह सकता है।‘ उनका भरोसा था देश के साधनों पर, संसाधनों पर, देश के प्रतिभाशाली लोगों पर।

स्वतंत्रता के बाद देश को हताशा से, निराशा से निकालने का उनका vision आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरणा दे रहा है। देश के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री के तौर पर उन्होंने देश की पहली औद्योगिक नीति बनाई। वे कहते थे-

“अगर सरकार, देश के शिक्षण संस्थान और औद्योगिक संगठन मिलकर उद्योगों को बढ़ावा देंगे, तो देश बहुत जल्द ही आर्थिक तौर पर भी स्वतंत्र हो जाएगा”।

शिक्षा से जुड़े क्षेत्र के लिए, महिला सशक्तिकरण के लिए, देश की परमाणु नीति को दिशा देने के लिए उन्होंने जो कार्य किया, जो विचार रखे वो उस दौर की सोच से भी बहुत आगे के थे। देश के विकास में जनभागीदारी का महत्व समझते हुए उन्होंने जो रास्ते सुझाए, वो आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।

साथियों, डॉक्टर श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी कहते थे कि ‘शासन का पहला कर्तव्य धनहीन, गृहहीन जनता की सेवा और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का है”। यही वजह है कि देश का उद्योग मंत्री बनने से पहले जब वो बंगाल के वित्त मंत्री थे, finance minister थे, तब बहुत व्यापक स्तर पर उन्होंने भूमि सुधार का काम किया था। उनका मानना था कि शासन अंग्रेजों की तरह राज करने के लिए नहीं बल्कि नागरिकों के सपने पूरे करने के लिए होना चाहिए।

डॉक्‍टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने सबसे ज्यादा महत्व शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को दिया। वो कहते थे कि “सरकार को शुरुआती शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक, इसके लिए व्यापक सुविधाएं जुटानी चाहिए, युवाओं में छिपी प्रतिभा को निकालने के लिए उचित माहौल बनाया जाना चाहिए। ताकि हमारे युवा अपने गांव, अपने नगर की सेवा करने के लिए समर्थ बन सकें।“ डॉक्‍टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन विद्या, वित्त और विकास; विद्या, वित्त और विकास- इन तीन मूलभूत चिंतन से जुड़ी धाराओं का संगम था।

ये हमारे देश का दुर्भाग्य रहा, कि एक परिवार का महिमामंडन करने के लिए, देश के अनेक सपूतों को और उनके योगदान को जानबूझ करके छोटा कर दिया गया, भुला देने के भरपूर प्रयास किए गए।

साथियों, आज केंद्र हो या फिर देश के किसी भी राज्य में चलने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो, डॉक्टर मुखर्जी के विजन से अलग नहीं है। चाहे युवाओं के लिए स्किल इंडिया मिशन हो, स्टार्ट अप योजना हो, स्वरोजगार के लिए बिना बैंक गारंटी कर्ज देने की सुविधा देने वाली मुद्रा योजना हो या फिर मेक इन इंडिया हो, इनमें आपको डॉक्टर मुखर्जी के विचारों की झलक मिलेगी।

आपका ये राजगढ़ जिला भी अब इसी विजन के साथ पिछड़े होने की अपनी पहचान को छोड़ने जा रहा है। सरकार ने इसे आकांक्षी जिलों या Aspirational District के तौर पर विकसित करने का फैसला लिया है। आपके जिले में अब स्वास्थ्य, शिक्षा, सफाई, पोषण, जल संरक्षण, कृषि जैसे विषयों पर और तेजी से काम किया जाएगा।

इन जिलों के गांवों में अब राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत जरूरी सुविधाओं को पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। सरकार अब ये सुनिश्चित कर रही है कि आने वाले समय में इन जिलों के हर गांव में, सभी के पास उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन हो; सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली कनेक्शन हो; जनधन योजना के तहत सभी के पास बैंक खाते हों; सभी को सुरक्षा बीमा का कवच मिला हो; इंद्र धनुष योजना के तहत हर गर्भवती महिला और बच्चे का टीकाकरण हो।

साथियों, ये कार्य पहले भी हो सकते थे, पहले की सरकारों को किसी ने रोका नहीं था। लेकिन ये दुर्भाग्य है कि देश पर लंबे समय तक जिस दल ने शासन किया, उन्होंने आप लोगों पर, आपकी मेहनत पर भरोसा नहीं किया था। उसने कभी देश के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं किया।

आप मुझे बताइए, पिछले चार वर्षों में भारत सरकार ने कभी भी निराशा की बात कही है? हताशा की बात कही है? हम क्‍या करें ये तो हो सकता है, नहीं हो सकता है। हमने हर बार संकल्‍प करके अच्‍छा करने के लिए कदम उठाए हैं, जी-जान से प्रयास किया है।

और इसलिए भाइयों, बहनों हम हमेशा एक आशा और विश्‍वास के साथ आगे बढ़ने वाले लोग हैं। साथियों, हमारी सरकार देश की आवश्यकताओं को समझते हुए, देश के संसाधनों पर भरोसा करते हुए, देश को 21वीं सदी में नई ऊँचाई पर पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है और प्रयत्‍नरत है।

बीते चार वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा और बीते 13 वर्षो में भारतीय जनता पार्टी की मध्‍य प्रदेश की सरकार ने गरीबों-पिछड़ों-शोषितों-वंचितों-किसानों को सशक्त करने का काम किया है। पिछले 5 वर्षों में मध्य प्रदेश में कृषि विकास दर सालाना औसतन 18 प्रतिशत रही है, जो देश में सबसे अधिक है। देश में दलहन के कुल उत्पादन की बात हो, तिलहन के कुल उत्पादन की बात हो, चना या सोयाबीन, टमाटर, लहसुन के उत्पादन में मध्य प्रदेश पूरे देश में नंबर एक रहा है। गेंहूं उत्पादन और अरहर, सरसो, आंवला, धनिया, इसके उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है और एक नंबर के दरवाजे पर दस्‍तक दे रहा है।

शिवराज जी के शासन में मध्य प्रदेश ने विकास की नई गाथा लिखी है। आज यहां मोहनपुरा में सिंचाई परियोजना का लोकार्पण और तीन वॉटर सप्लाई स्कीमों पर काम शुरू होना, इस कड़ी का एक महत्‍वूपूर्ण हिस्सा है। ये परियोजना राजगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की भी बड़ी परियोजनाओं में से एक है।

साथियों, इस प्रोजेक्ट से सवा सात सौ गांव के किसान भाई-बहनों को सीधा लाभ होने वाला है। आने वाले दिनों में, इन गांवों की सवा लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर ना सिर्फ सिंचाई की व्यवस्था होगी बल्कि 400 गांवों में पीने के पानी की समस्या से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी। और 400 गांवों में पीने के पानी की समस्‍या से मुक्ति मिलना, इसका मतलब यहां की लाखों माताओं-बहनों का आशीर्वाद मिलना होगा। पानी की कठिनाई माताएं-बहने जितनी समझती हैं, शायद ही कोई और समझ सकता है। एक प्रकार से ये माताओं-बहनों की उत्‍तम सेवा का काम हुआ है।

ये परियोजना ना सिर्फ तेजी से होते विकास का उदाहरण है बल्कि सरकार के काम करने के तौर तरीके का भी सबूत है। लगभग 4 वर्ष के भीतर इस परियोजना को पूरा कर लिया गया है। इसमें micro irrigation का विशेष ध्यान रखा गया है, यानि खुली नहर को नहीं बल्कि पाइपलाइन बिछाकर खेत तक पानी पहुंचाने को प्राथमिकता दी गई है।

भाइयों और बहनों, यहां मालवा में एक कहावत है- मालव धरती गगन गंभीर, डग-डग रोटी, पग-पग नीर । ये कहावत पुरानी है-

यानि एक जमाना था जब मालवा की धरती में ना तो धन धान्य की कमी थी और ना ही पानी की कोई कमी थी। कदम-कदम पर यहां पानी मिला करता था। लेकिन पहले की सरकारों ने जिस तरह का काम किया, उसमें पानी के साथ ये कहावत भी संकट में पड़ गई। लेकिन बीते वर्षों में शिवराज जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने मालवा और मध्य प्रदेश की पुरानी पहचान को लौटाने का गंभीर प्रयास किया है।

साथियों, 2007 में सिंचाई परियोजनाओं से मध्य प्रदेश में सिर्फ साढ़े सात लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई होती थी। शिवराज जी के शासन में अब ये बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गई है। जो लोग टीवी पर देश में सुन रहे हैं, उनको भी मैं कहता हूं भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से पहले साढ़े सात लाख हेक्‍टेयर और भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल में 40 लाख हेक्‍टेयर। अब तो राज्य सरकार इसे 2024 तक दोगुना करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। Micro irrigation system के विस्तार के लिए 70 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

आप सभी को मैं यहां विश्वास दिलाने आया हूं कि जो लक्ष्य राज्य सरकार ने तय किया है, उससे भी अधिक हासिल करने का प्रयास किया जाएगा और भारत सरकार कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ चलेगी।

मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से भी पूरी मदद मिल रही है। राज्य में इस योजना के तहत 14 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। मध्य प्रदेश को भी इस योजना के तहत करीब 1400 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस योजना के माध्यम से ‘per drop more crop’ के मिशन को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। चार वर्षों के परिश्रम का परिणाम है कि देशभर में माइक्रो इरीगेशन का दायरा 25 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इसमें डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि मध्य प्रदेश की है।

साथियों, आजकल आप भी देख रहे होंगे कि सरकारी योजनाओं के बारे में वीडियो तकनीक और नमो एप्प के माध्यम से मैं अलग-अलग लोगों से बात कर रहा हूं। तीन दिन पहले ही मैंने देशभर के किसानों से बात की थी। इसी कार्यक्रम में मुझे झाबुआ के किसान भाई-बहनों से बात करने का अवसर मिला। झाबुआ की एक किसान बहन ने मुझे विस्तार से बताया कि कैसे ड्रिप इरिगेशन से उसकी टमाटर की खेती में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

साथियों, New India के नए सपने में देश के गांव और किसान की महत्वपूर्ण भूमिका है। और इसलिए New India के उदय के साथ ही किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में बीज से ले करके बाजार तक, एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं।

साथियों, पिछले चार वर्षों में देशभर में लगभग 14 करोड़ soil health card बांटे गए हैं, जिसमें से लगभग सवा करोड़ यहां मध्य प्रदेश के मेरे किसान भाई-बहनों को भी मिले हैं। इसमें अब किसान भाईयों को आसानी से पता लग रहा है कि उनकी जमीन के लिए कौन सा उर्वरक कितनी मात्रा में उपयुक्त है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मध्य प्रदेश के भी 35 लाख से ज्यादा किसान उठा रहे हैं।

किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए देशभर की मंडियों को ऑनलाइन बाजार से जोड़ा जा रहा है। अब तक देश की पौने 600 मंडियों को E-NAM प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है, मध्य प्रदेश भी, उसकी भी आज 58 मंडियां इसके साथ जुड़ गई हैं। वो दिन दूर नहीं जब देश का ज्यादा से ज्यादा किसान सीधे अपने गांव के कॉमन सर्विस सेंटर या अपने मोबाइल फोन से ही देश की किसी भी मंडी में सीधे अपनी फसल वो बेच सकेगा।

भाइयों और बहनों, सरकार गांव और गरीब के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठा रही है। विशेष रूप से दलित, आदिवासी, पिछड़े समाज की माताओं बहनों को जहरीले धुएं से मुक्ति दिलाने का काम निरंतर चल रहा है।

अब तक देश में 4 करोड़ से अधिक गरीब माताओं-बहनों को रसोई में मुफ्त एलपीजी सिलेंडर पहुंच चुका है। मध्य प्रदेश में भी अब तक लगभग 40 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा चुका है।

साथियों, ये सरकार श्रम का सम्मान करने वाली सरकार है। देश में अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न करने वाले उद्यमी कैसे आगे आएं, इसकी चिंता आज भारत सरकार कर रही है। श्रम के प्रति कुछ लोगों का रवैया भले ही सकारात्मक ना हो, वो रोजगार का मजाक उड़ाते हों, लेकिन इस सरकार के प्रयास आज सफलता के रूप में सबके सामने हैं।

देश में आज मुद्रा योजना के तहत छोटे से छोटे उद्यमियों को बिना बैंक गारंटी कर्ज दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के भी 85 लाख से अधिक लोगों ने इसका लाभ उठाया है।

भाइयों और बहनों, दिल्ली और भोपाल में लगा विकास का ये डबल इंजन पूरी शक्ति के साथ मध्‍य प्रदेश को आगे बढ़ रहा है।

मुझे याद है कि कभी मध्य प्रदेश की स्थिति ऐसी थी कि उसके साथ एक अपमानजनक शब्द जोड़ दिया गया था-और वो शब्‍द था जो हमें किसी को पसंद नहीं है, वो शब्‍द था- बीमारू। देश के बीमार राज्यों में मध्य प्रदेश को गिना जाता था। राज्य में लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस को मध्य प्रदेश का ये अपमान कभी दिखता नहीं था, चुभता नहीं था।

जन सामान्य को अपनी प्रजा समझकर, हमेशा अपनी जय जयकार लगवाना, यही कांग्रेस के नेता मध्य प्रदेश के अंदर करते रहे और न ही आने वाले भविष्य पर उन्‍होंने कोई गौर किया।

राज्य को उस स्थिति से निकालकर देश के विकास का प्रमुख भागीदार बनाने का काम यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। शिवराज जी को आपने एक पद दिया है लेकिन वो सेवक की तरह इस महान भूमि की, यहां की जनता की सेवा कर रहे हैं।

आज मध्य प्रदेश सफलता के जिस मार्ग पर है, उसके लिए मैं यहां के लोगों को, यहां की सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

एक बार फिर आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। आप सभी यहां भारी संख्या में आए, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

मेरे साथ जोर से बोलिए, दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए –

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

भारत माता की – जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Source: PMINDIA

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