Text of PM’s address at the inauguration of Kundli-Manesar Section of Western Peripheral Expressway and Ballabgarh-Mujesar Metro Link

Prime Minister's Office

Text of PM’s address at the inauguration of Kundli-Manesar Section of Western Peripheral Expressway and Ballabgarh-Mujesar Metro Link

Posted On: 19 NOV 2018 8:02PM by PIB Delhi

हरियाणा के राज्‍यपाल श्रीमान सत्‍यदेव नारायण आर्य जी, हरियाणा के लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री श्रीमान मनोहर लाल जी खट्टर, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी चौधरी वीरेंद्र सिंह जी, राव इंद्रजीत सिंह जी, राज्‍य सरकार के सभी मंत्री महोदय, कुछ यहां बैठे हैं, कुछ वहां बैठे हैं और भारी संख्‍या में पधारे हुए हरियाणा के मेरे प्‍यारे भाईयों और बहनों।

अभी हरियाणा के मुख्‍यमंत्री जी बता रहे थे कि मुझे कई बार आपके बीच आने का मौका मिला है और अब तो थोड़ी देर में ही दो बार आ चुका आपके बीच में। पिछली बार जब मैं आया था, तो चौधरी छोटू राम जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का मुझे अवसर मिला था। यह प्रतिमा हरियाणा के गौरव का प्रतीक है। आज फिर से मैं हरियाणा में हूं जहां प्रदेश को तीन हजार तीन सौ करोड़ रुपये से ज्‍यादा की सौगात मिली है। आज हरियाणा ने चौरतरफा विकास की दिशा में एक और मजबूत कदम उठाया है। साथियों, हरियाणा की इस भूमि पर ज्ञान का प्रकाश तो है, साहस की गौरवगाथा भी जुड़ी हुई है। लद्दाख में रेज़ांग ला पर 18 हजार फुट की ऊंचाई पर हो रही लड़ाई को कल ही 56 वर्ष पूरे हुए हैं। इस लड़ाई में हरियाणा के सपूतों ने परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह के नेतृत्‍व में जमकर के लोहा लिया था। इस युद्ध के शहीदों में अनेक हरियाणा के इसी क्षेत्र के थे। उन्‍होंने दिखा दिया था कि हरियाणा का मतलब होता है हिम्‍मत, हौसला होश और हमसफर। मैं रेजांग ला पोस्‍ट पर शहीद हुए देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं, उनको नमन करता हूं।

साथियों, आज का दिन हरियाणा के बहुत महत्‍वपूर्ण है। अभी कुंडली, मानेसर, पलवल एक्‍सप्रेस वे को देश को समर्पित करने का मौका मिला है। इसका पहला चरण दो वर्ष पहले पूरा हो गया था। दूसरा चरण, जो कुंडली से मानेसर तक 83 किलोमीटर लम्‍बा है, उसका आज लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही अब 135 किलोमीटर का यह एक्‍सप्रेस-वे पूरा हो गया है। इसके साथ ही करीब 500 करोड़ की लागत से बनी बल्‍लभगढ़ मुजेसर मेट्रो लाइन की शुरूआत भी की गई है। ये दोनों योजनाएं जहां connectivity को लेकर इस क्षेत्र में नई क्रांति आएगी, वहीं श्री विश्‍वकर्मा कौशल विश्‍वविद्यालय के जरिये यहां के युवाओं को नई ताकत मिलेगी।

भाईयों और बहनों, आज का यह अवसर दो तस्‍वीरों को याद करने का अवसर है। एक तस्‍वीर वर्तमान की है। यह तस्‍वीर है कि जब संकल्‍प लेकर कोई कार्य किया जाता है तो उसे सिद्धि भी मिलती है। यह तस्‍वीर भारतीय जनता पार्टी सरकारों की कार्य संस्‍कृति की है, हमारे कार्य करने के तरीके की है। वहीं दूसरी तस्‍वीर हमें पहले की सरकार के समय में कैसे काम होता था इसकी बराबर याद भी दिलाती है। वो तस्‍वीर याद दिलाती है इस एक्‍सप्रेस-वे पर 12 साल से काम चल रहा था। वो तस्‍वीर याद दिलाती है कि एक्‍सप्रेस वे आपको आठ-नौ साल पहले ही मिल जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले की सरकारों के जो तौर-तरीके थे उसने इस एक्‍सप्रेस-वे को पूरा होने में 12 साल लगा दिए।

साथियों, इस एक्‍सप्रेस-वे का इस्‍तेमाल कॉमनवेल्‍थ गेम में होना था। जब कॉमनवेल्‍थ गेम हुई थी, तब इस एक्‍सप्रेस-वे का उपयोग होना था। लेकिन कॉमनवेल्‍थ खेल की जो गति की गई, वहीं कहानी इस एक्‍सप्रेस-वे की भी सबूत बन गई। मुझे याद है कि जब प्रगति की बैठकों में मैंने प्रोजेक्‍ट की समीक्षा करनी शुरू की थी, तो कितने सारे पैच पता चले थे। केंद्र सरकार द्वारा निरंतर follow-up और हरियाणा में बीजेपी सरकार बनने के बाद इसके कार्य में आई तेजी ने हमें आज का यह दिन दिखाया। बरसों का इंतजार खत्‍म किया।

भाईयों और बहनों, सोचिए अटकाने, लटकाने और भ‍टकाने वाली संस्‍कृति ने हरियाणा का, यहां की जनता का पूरे दिल्‍ली NCR का कितना बड़ा नुकसान किया है। साथियों पहले की सरकार में जिस तरह इस परियोजना पर काम हुआ, वो एक case study है कि जैसे जनता के पैसों को बर्बाद किया जाता है। कैसे जनता के साथ नाइंसाफी की जाती है। जब यह प्रोजेक्‍ट शुरू हुआ था, तो अनुमान लगाया था कि इस पर 1200 करोड़ रुपये का खर्च होगा। आज इतने वर्षों की देरी की वजह इसकी लागत बढ़ करके तीन गुना से ज्‍यादा हो गई। साथियों, अगर पेरिफेरल एक्‍सप्रेस-वे का यह काम समय पर पूरा कर लिया गया होता तो आज दिल्‍ली में ट्रैफिक की व्‍यवस्‍था कुछ और होती। अब इस एक्‍सप्रेस-वे के बन जाने से दूसरे राज्‍य से आने वाली बड़ी-बड़ी गाडि़यों के सामने दिल्‍ली के बीच से होकर गुजरने की मजबूरी खत्‍म हो जाएगी। वो दिल्‍ली में दाखिल हुए बिना ही, वहां के ट्रैफिक को प्रभावित किए बिना ही बाहर ही बाहर से निकल जाएगी। इस एक्‍सप्रेस वे की वजह से अब दिल्‍ली में दाखिल होने वाली गाडि़यों की संख्‍या में काफी कमी आएगी।

साथियों, यह एक्‍सप्रेस-वे दिल्‍ली और आस-पास के इलाके में प्रदूषण को कम करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। एक तरह से देखे तो एक्‍सप्रेस-वे Economy, Environment, Ease of living के साथ ही Ease of living की सोच को भी, Ease of travelling की सोच को भी यह गति देने वाला है। मैं हरियाणा के लोगों को, दिल्‍ली एनसीआर के लोगों को इस एक्‍सप्रेस-वे के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अब दिल्‍ली के चारों तरफ लगभग 270 किलोमीटर के एक्‍सप्रेस-वे का नेटवर्क पूरा हो गया।

भाईयों और बहनों, आज भी वल्‍लभगढ़ से मुजेसर को भी मेट्रो के जरिये जोड़ दिया गया है। अब वल्‍लभगढ़ भी मेट्रो के नक्‍शें पर आ गया है। इससे यहां के लोगों को दिल्‍ली जाने में और सुविधा तो होगी ही उनका समय और पैसा भी बचेगा। साथियों हमारी सरकार, connectivity को सिर्फ एक जरूरत नहीं, बल्कि देश की समृद्धि, सुरक्षा और सशक्तिकरण का माध्‍यम मानती है। हमारी कोशिश है कि देश में road connectivity, rail connectivity, water connectivity, highway connectivity और I-way connectivity का ऐसा infrastructure बने जो 21वीं सदी की आवश्‍यकताओं को पूरा करने वाला हो, जो एकदूसरे को support करें। इस समय देश में अनेक रेलवे कॉरिडोर, हाईवे कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। देश के अनेक शहरों में Integrated Traffic Management System का काम भी जोरो पर है। लोगों को आने-जाने में कम समय लगे, शहरों में जाम की समस्‍या कम हो, हमारे उद्योगों के पास transport के आधुनिक साधन सस्‍ते साधन का विकल्‍प हो, इस दिशा में काम किया जा रहा है। इन सारे प्रयासों में इस बात पर भी जोर है कि पर्यावरण की रक्षा हो। इसके लिए transport के ऐसे साधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जो प्रदूषण को कम करने में मदद करती हो। इलेक्ट्रिक रेल लाइनों का विस्‍तार, इलेक्ट्रिक कारों के लिए संसाधनों का विस्‍तार हमें इसी दिशा में ले जा रहे हैं।

साथियों, देश में नये नये generation infrastructure के लिए हमने speed का भी खास ध्‍यान रखा है। बीते चार वर्षों में सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके करीब 33 हजार किलोमीटर से अधिक नये हाई-वे बनाए हैं। पहले की सरकार ने अपने साढ़े सात साल में जितने हाईवे बनाए थे, उससे भी ज्‍यादा हमने चार साल में बना दिए। साथियों लोग वहीं हैं, काम करने वाले वहीं है, दफ्तर भी वहीं है, फाइलें भी वहीं है, लेकिन जब इच्‍छा शक्ति होती है, संकल्‍प शक्ति होती है, तो कोई भी लक्ष्‍य हासिल करना मुश्किल नहीं होता है। यही वजह है कि जहां 2014 में पहले, 2014 के पहले एक दिवस में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे। आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे का प्रतिदिन निर्माण हो रहा है। इसी गति से भारतमाला प्रोजेक्‍ट के तहत देश के 35 हजार किलोमीटर का हाईवे नेटवर्क स्‍थापित करने का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। सिर्फ हाईवे नहीं रेलवे connectivity में भी देश में तेजी से काम हो रहा है। जहां पटरियां नहीं थी वहां तेजी से rail network बिछाया जा रहा है, जहां जरूरत है वहां पटरियों का विस्‍तार किया जा रहा है। साथियों, हमारी सरकार ने हमेशा से ही देश की आवश्‍यकताओं, लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं को आगे रख करके ही काम किया है। उनके हिसाब से ट्रेनों की स्‍पीड भी बढाई जा रही है, ट्रेनों का, स्‍टेशनों का, आधुनि‍किकरण किया जा रहा है। आपने देखा होगा कि देश में बनी बिना इंजन वाली आधुनिक ट्रेन भी पटरियों पर उतरने को आज तैयार खड़ी है। ये ट्रेन Make In India की चमक को और बढ़ा रही है।

भाईयों और बहनों, सरकार देश की जनशक्ति, देश के जल संसाधन का पूरा इस्‍तेमाल करने पर भी जोर दे रही है। देश में सौ से ज्‍यादा नये water ways बनाए जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही बनारस में नदी route देश का पहला कार्गो कनटेनर आया है। बनारस-हल्दिया water way पर अब पानी के जहाजों से माल की ढुलाई की शुरूआत हो गई है। गंगा जी के माध्‍यम से यूपी पूर्वोत्‍तर राज्‍यों से जुड़ गया है। इसके साथ ही देश को हवाई सेवा को सस्‍ता करने के लिए UDAN-N योजना चलाई जा रही है। यहां हिसार में भी हवाई अड्डे का निर्माण किया गया है, ताकि हिसार भी उड़ान योजना से जुड़ सके।

भाईयों और बहनों, सरकार की नीतियों का असर यह हुआ है कि हवाई चप्‍पल पहनने वाले मेरे भाई बहन में अब हवाई जहाज में सफर करने का हौसला आया है। साथियों डिजिटल भारत अभियान के तहत देश की हर पंचायत को broad band connectivity जोड़ने की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है। पहले की सरकार यह चार साल में यह जरा याद रखना पहले की सरकार ने जहां चार साल में सिर्फ 59 पंचायतों ही ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ पायी थी, चार साल में 59, वहीं हमारी सरकार में इन चार सालों में अब तक एक लाख से अधिक पंचायत को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा चुका है। कहां 59 और कहां एक लाख से ज्‍यादा। साथियों, किसी क्षेत्र में बढ़ती हुई  connectivity अपने साथ रोजगार के नये अवसर भी ले करके आती है। यह हाईवे का बनना, यह मेट्रो या रेल का बनना जलमार्ग का विकसित होना एक पूरा इको सिस्‍टम का का फायदा transport construction से लेकर manufacturing और service sector तक को होता है। मुझे बहुत खुशी है कि हरियाणा की सरकार नौजवानों को रोजगार के नये अवसर देने के साथ ही, उन्‍हें रोजगार के बदलते तौर-तरीकों के लिए भी तैयार करने पर जोर दे रही हैं। श्री विश्‍वकर्मा कौशल विश्‍वविद्यालय का शिलान्‍यास इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है। यह विश्‍वविद्यालय हरियाणा और इस क्षेत्र के युवाओं को बदलती हुई nature of job के मुताबिक स्‍किल training का काम करेगा। यह विश्‍वविद्यालय यहां के नौजवानों को अपने दम अपना उद्योग शुरू करने की भी शिक्षा देगा, शक्ति देगा। मुझे पूरी उम्‍मीद है कि कौशल के देवता भगवान विश्‍वकर्मा के आशीर्वाद से इस विश्‍वविद्यालय के छात्रों के लिए भविष्‍य की राह और आसान होगी।

भाईयों और बहनों, आज हरियाणा निर्यात करने के मामले में देश में अग्रणी राज्‍यों में है। इसमें राज्‍य के 22 हजार से ज्‍यादा छोटे लघु उद्योग और मध्‍यम उद्योग यानी MSME को उनका बहुत बड़ा योगदान है। यह कौशल विश्‍वविद्यालय यहां के MSME sector को भी मजबूत करेगा। यहां से पढ़ करके निकले छात्र zero defect, zero effect ऐसे उत्‍पादों का निर्माण करेंगे। Make In India की चमक और बढ़ाएंगे।

साथियों, आप सभी को यही जानकारी होगी कि MSME sector को बढ़ावा देने के लिए अभी हाल में ही 12 बड़े फैसले लिये हैं। अब जीएसटी से जुड़े मेरे हरियाणा के छोटे कारोबारी को एक करोड़ रुपये तक का लोन सिर्फ 59 मिनट में मिल जाएगा। इसके अलावा उत्‍पादन बढ़ाने के लिए, उसके लिए मार्केट का दायरा बढ़ाने के लिए, उसके लिए प्रक्रियाओं को आसान के लिए भी कई फैसले लिए गए हैं। भाईयों और बहनों, यह सरकार देश के कारोबारियों को ताकत देना चाहती है, युवाओं को गति देना चाहती है, अपने युवाओं को innovation से industry की दिशा में आगे बढ़ा रही है। उनके concept को कैपिटल की कमी न हो इसका ध्‍यान रख रही है। start-up India, stand-up India  जैसी योजनाएं इसकी सोच के साथ चल रही है। इसी सोच की वजह से देश के युवाओं को मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी छह लाख 70 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का खर्च दिया जा चुका है। इसमें सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह भी है कि मुद्रा योजना के माध्‍यम से कर्ज लेने वालों में 70 प्रतिशत से ज्‍यादा महिलाएं ही हैं। यह योजना एक तरह से देश में महिला स्‍वरोजगार का बहुत बड़ा  जरिया बन गया है और निश्‍चित तौर पर इसका लाभ हरियाणा की मेरी बहनों, बेटियों को भी हो रहा है।

साथियों, हमारी सरकार महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। चाहे देश में स्‍वच्‍छ भारत अभियान के जरिये बने नौ करोड़ toilet हो या फिर उज्‍जवला योजना के तहत दिए गए लगभग छह करोड़ गैस connection दोनों ने महिलाओं की जिंदगी को आसान बनाया है। केंद्र सरकार के विजन को आगे बढ़ाने में हरियाणा ने भी पूरा सहयोग दिया है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं योजना और खेलो इंडिया की सफलता इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। खेलो में देश के लिए सबसे ज्‍यादा मेडल यहां की है बेटे और बेटियां ला रहे हैं। commonwealth games हो या एशियाड  हरियाणा की बेटियां, हरियाणा के युवाओं का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है।

भाईयों और बहनों, भाजपा की सरकारें चाहे केंद्र हो या राज्‍य में, चाहे हरियाणा में हो या राजस्‍थान में, चाहे मध्‍य प्रदेश में हो या छत्‍तीसगढ़ में, चाहे उत्‍तर प्रदेश में हो या उत्‍तर पूर्व में सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ हम काम कर रहे हैं। इसका नतीजा देश में व्‍यापक स्‍तर पर आज नजर आने लगा है। मुझे खुशी है कि हरियाणा के लोग इन सारे प्रयासों में सक्रियता से सहयोग कर रहे हैं। एक बार फिर मैं आप सभी को Western Peripheral Expressway मेट्रो और skill university के लोर्कापण और शिलान्‍यास की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी का हृदयपूर्वक बहुत-बहुत धन्‍यवद करता हूं।

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Source: PIB

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