Credit Linked Subsidy Scheme
CLSS Toll-Free Helpline Numbers
NHB: 1800-11-3377
1800-11-3388
HUDCO: 1800-11-6163
NHB: 1800-11-3377
1800-11-3388
HUDCO: 1800-11-6163
The Mission, in order to expand institutional credit flow to the housing needs of urban poor will implement credit linked subsidy component as a demand side intervention.
Interest subsidy will be credited upfront to the loan account of beneficiaries through Primary Lending Institutions resulting in reduced effective housing loan and Equated Monthly Instalment (EMI). The Net Present Value (NPV) of the interest subsidy will be calculated at a discount rate of 9 %.
Credit Linked Subsidy Scheme for EWS/LIG
Beneficiaries of Economically Weaker section (EWS) and Low Income Group (LIG) seeking housing loans from Banks, Housing Finance Companies and other such institutions would be eligible for an interest subsidy at the rate of 6.5% for a tenure of 20 years or during tenure of loan whichever is lower.
The credit linked subsidy will be available only for loan amounts upto Rs 6 lakhs and additional loans beyond Rs. 6 lakhs, if any, will be at nonsubsidized rate. Credit linked subsidy would be available for housing loans availed for new construction and addition of rooms, kitchen, toilet etc. to existing dwellings as incremental housing. The carpet area of houses being constructed under this component of the mission should be upto 30 square metres and 60 square metres for EWS and LIG, respectively
in order to avail of this credit linked subsidy. The beneficiary, at his/her discretion, can build a house of larger area but interest subvention would be limited to first Rs. 6 lakh only.
Credit Linked Subsidy Scheme for MIG
The newly launched CLSS for MIG covers two income segments in the MIG viz. Rs.6,00,001 to Rs.12,00,000 (MIG-I) and Rs.12,00,001 to Rs.18,00,000 (MIG-II) per annum. In the MIG-I, an interest subsidy of 4% has been provided for loan amounts up to Rs.9 lakh while in MIG-II, an interest subsidy of 3% has been provided for loan amount of Rs.12 lakh. The interest subsidy will be calculated at 9% NPV over a maximum loan tenure of 20 years or the actual tenure, whichever is lesser. Housing loans above Rs. 9 lakh and Rs. 12 lakh will be at non-subsidized rates.
CLSS for MIG will support acquisition/ construction of house (including re-purchase) of 90 square meters and 110 square meters carpet area as per income eligibility
Housing and Urban Development Corporation (HUDCO)andNational Housing Bank (NHB)have been identified as Central Nodal Agencies (CNAs) to channelize this subsidy to the lending institutions and for monitoring the progress of this component. Ministry may notify other institutions as CNA in future.
Under the Mission, beneficiaries can take advantage under one component only.
ऋण से जुडी ब्याज सब्सिडी योजना
शहरी गरीबों की आवासीय आवश्यकताओं के लिए सांस्थानिक ऋण प्रदान करने के लिए इस मिशन में मांग आधारित कार्यक्रम के रूप में ऋण आधारित सब्सिडी घटक का कार्यान्वयन किया जाएगा ।
ब्याज सब्सिडी प्राथमिक ऋणदाता संस्थाओं के माध्यम से लाभार्थियों के ऋण खाते में अग्रिम रूप से जमा कर दी जायेगी, इससे प्रभावी आवास ऋण और समान मासिक किस्त (ईएमआई) कम हो जायेगी । ब्याज सब्सिडी का निवल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) की गणना 9 प्रतिशत की छूट दर से की जाएगी ।
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के लिए ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम
आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लाभार्थी जो बैंक, आवास वित्त कंपनियों और अन्य ऐसे संस्थानों से आवास ऋण लेना चाहते हैं, 20* वर्ष की अवधि के लिए या ऋण की अवधि के दौरान, जो भी कम हो, 6.5% की दर से ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे।
ऋण संबंद्ध सब्सिडी 6 लाख रूपए तक की ऋण राशि के लिए उपलब्ध होगी और 6 लाख रूपए से अधिक ऋण, यदि कोई है, तो, वह गैर-रियायती दर पर होगा। ऋण सम्बद्ध सब्सिडी नए निर्माण और संवर्धन आवास के रूप में मौजूदा आवास में अतिरिक्त कमरों, रसोई घर, शौचालय इत्यादि के लिए प्राप्त आवास ऋण हेतु उपलब्ध होगी। मिशन के इस घटक के अंतर्गत निर्माण किए जा रहे आवासों का फर्शी क्षेत्र ईडब्ल्यूएस और एलआईजी हेतु क्रमश: 30 वर्ग मीटर और 60 वर्ग मीटर तक होना चाहिए ताकि इस ऋण संबंद्ध सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके। लाभार्थी अपने विवेक पर इससे अधिक क्षेत्र का आवास बना सकता है परन्तु ब्याज सहायता केवल पहले 6 लाख रूपए तक ही सीमित होगी।
एमआईजी के लिए ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम
नए शुरू किए गए एमआईजी के लिए सीएलएसएस में एमआईजी में दो आय समूह अर्थात 6,00,001 से 12,00,000 (एमआईजी-।) तथा 12,00,001 रू0 से 18,00,000 रू0 (एमआईजी-।।) प्रति वर्ष शामिल हैं । एमआईजी-। में 9 लाख रू0 तक की ऋण राशि पर 4 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई है जबकि, एमआईजी-।। में, 12 लाख रू0 तक की ऋण राशि पर 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई है । ब्याज सब्सिडी की गणना अधिकतम 20 वर्ष की ऋण अवधि अथवा वास्तविक अवधि जो भी कम हो, के लिए 9 प्रतिशत एनपीवी की दर से की जाएगी । 9 लाख रू0 और 12 लाख रू0 से अधिक का आवास ऋण गैर सब्सिडीकृत दर पर होगा ।
एमआईजी के लिए ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम में आवास के अधिग्रहण/ निर्माण (पुनर्खरीद सहित) के लिए आय की पात्रता के अनुसार 90 वर्ग मीटर और 110 वर्ग मीटर फर्शी क्षेत्र हेतु सहायता दी जाएगी ।
आवास और नगर विकास कारपोरेशन (हुडको) और राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) को ऋणदाता संस्थाओं को इस सब्सिडी का वितरण करने और इस घटक की प्रगति की निगरानी करने के लिए केन्द्रीय नॉडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में चयनित किया गया है । मंत्रालय भविष्य में अन्य संस्थाओं को सीएनए के रूप में अधिसूचित कर सकता है ।
इस मिशन के अंतर्गत, लाभार्थी केवल एक घटक के अंतर्गत लाभ ले सकते हैं ।
Source: { http://mohua.gov.in/cms/credit-linked-subsidy-scheme.php }
शहरी गरीबों की आवासीय आवश्यकताओं के लिए सांस्थानिक ऋण प्रदान करने के लिए इस मिशन में मांग आधारित कार्यक्रम के रूप में ऋण आधारित सब्सिडी घटक का कार्यान्वयन किया जाएगा ।
ब्याज सब्सिडी प्राथमिक ऋणदाता संस्थाओं के माध्यम से लाभार्थियों के ऋण खाते में अग्रिम रूप से जमा कर दी जायेगी, इससे प्रभावी आवास ऋण और समान मासिक किस्त (ईएमआई) कम हो जायेगी । ब्याज सब्सिडी का निवल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) की गणना 9 प्रतिशत की छूट दर से की जाएगी ।
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के लिए ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम
आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लाभार्थी जो बैंक, आवास वित्त कंपनियों और अन्य ऐसे संस्थानों से आवास ऋण लेना चाहते हैं, 20* वर्ष की अवधि के लिए या ऋण की अवधि के दौरान, जो भी कम हो, 6.5% की दर से ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे।
ऋण संबंद्ध सब्सिडी 6 लाख रूपए तक की ऋण राशि के लिए उपलब्ध होगी और 6 लाख रूपए से अधिक ऋण, यदि कोई है, तो, वह गैर-रियायती दर पर होगा। ऋण सम्बद्ध सब्सिडी नए निर्माण और संवर्धन आवास के रूप में मौजूदा आवास में अतिरिक्त कमरों, रसोई घर, शौचालय इत्यादि के लिए प्राप्त आवास ऋण हेतु उपलब्ध होगी। मिशन के इस घटक के अंतर्गत निर्माण किए जा रहे आवासों का फर्शी क्षेत्र ईडब्ल्यूएस और एलआईजी हेतु क्रमश: 30 वर्ग मीटर और 60 वर्ग मीटर तक होना चाहिए ताकि इस ऋण संबंद्ध सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके। लाभार्थी अपने विवेक पर इससे अधिक क्षेत्र का आवास बना सकता है परन्तु ब्याज सहायता केवल पहले 6 लाख रूपए तक ही सीमित होगी।
एमआईजी के लिए ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम
नए शुरू किए गए एमआईजी के लिए सीएलएसएस में एमआईजी में दो आय समूह अर्थात 6,00,001 से 12,00,000 (एमआईजी-।) तथा 12,00,001 रू0 से 18,00,000 रू0 (एमआईजी-।।) प्रति वर्ष शामिल हैं । एमआईजी-। में 9 लाख रू0 तक की ऋण राशि पर 4 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई है जबकि, एमआईजी-।। में, 12 लाख रू0 तक की ऋण राशि पर 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई है । ब्याज सब्सिडी की गणना अधिकतम 20 वर्ष की ऋण अवधि अथवा वास्तविक अवधि जो भी कम हो, के लिए 9 प्रतिशत एनपीवी की दर से की जाएगी । 9 लाख रू0 और 12 लाख रू0 से अधिक का आवास ऋण गैर सब्सिडीकृत दर पर होगा ।
एमआईजी के लिए ऋण आधारित सब्सिडी स्कीम में आवास के अधिग्रहण/ निर्माण (पुनर्खरीद सहित) के लिए आय की पात्रता के अनुसार 90 वर्ग मीटर और 110 वर्ग मीटर फर्शी क्षेत्र हेतु सहायता दी जाएगी ।
आवास और नगर विकास कारपोरेशन (हुडको) और राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) को ऋणदाता संस्थाओं को इस सब्सिडी का वितरण करने और इस घटक की प्रगति की निगरानी करने के लिए केन्द्रीय नॉडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में चयनित किया गया है । मंत्रालय भविष्य में अन्य संस्थाओं को सीएनए के रूप में अधिसूचित कर सकता है ।
इस मिशन के अंतर्गत, लाभार्थी केवल एक घटक के अंतर्गत लाभ ले सकते हैं ।
Source: { http://mohua.gov.in/cms/credit-linked-subsidy-scheme.php }
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