Pradhan Mantri kisan Pension Scheme: 15 अगस्त से किसानों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत
स्रोत: नवभारत टाइम्स प्रधानमंत्री-किसान पेंशन योजना के तहत लाभार्थी की योजना से जुड़ने के समय औसत उम्र 29 साल है तो उसे 100 रुपये महीने का योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि अगर लाभार्थी की उम्र 29 से कम है तो उसे योगदान कम देना होगा।
मोदी सरकार अब किसानों के लिए 15 अगस्त से पेंशन स्कीम की शुरुआत करने जा रही है। इस स्कीम के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। वित्त मंत्रालय के साथ कृषि मंत्रालय के उच्चाधिकारी ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को किसान पेंशन स्कीम की शुरुआत करेंगे। कृषि सचिव ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर स्कीम लागू करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने का निर्देश दिया है। इस योजना के तहत एलआईसी किसानों के पेंशन फंड को मैनेज करेगा। इस पेंशन स्कीम के तहत किसानों को 60 साल होने के बाद 3000 रुपये बतौर पेंशन देने का प्रावधान किया गया है।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार की मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों के लिए एक अलग पेंशन योजना को मंजूरी दी है। इसका मकसद पहले तीन साल में 5 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना के दायरे में लाना है। इससे सरकारी खजाने पर 10,774.5 करोड़ सालाना बोझ पड़ेगा। नई योजना के बारे में राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जितनी जल्दी हो सके, इसे लागू करने को कहा था।
क्या होगा नियम
प्रधानमंत्री-किसान पेंशन योजना के तहत लाभार्थी की योजना से जुड़ने के समय औसत उम्र 29 साल है तो उसे 100 रुपये महीने का योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि अगर लाभार्थी की उम्र 29 से कम है तो उसे योगदान कम देना होगा, वहीं 29 से अधिक उम्र होने पर उन्हें कुछ ज्यादा योगदान देना होगा। केंद्र सरकार भी इसमें इतना ही योगदान देगी। सूत्रों के अनुसार किसान पेंशन योजना के लिए 18 से 40 साल तक के किसान आवेदन कर सकेंगे। इस स्कीम में 60 साल से ऊपर के किसानों को 3000 रुपये तक प्रति माह पेंशन मिलेगी। किसानों के लिए ये स्कीम पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी। इसमें आधा हिस्सा किसान और आधा हिस्सा सरकार वहन करेगी। अगले हफ्ते से इसके लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो सकती है।
राज्यों का सहयोग
वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार इस स्कीम में राज्य सरकारों का पूरा सहयोगा लिया जाएगा। राज्यों को कहा गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए सहयोग दें। जहां तक इस स्कीम में वित्त संबंधी तकनीकी बातें हैं, उस बारे में सहमति बन गई है। केंद्र सरकार इसका पूरा जिम्मा लेगी और राज्य सरकारों पर किसी प्रकार का वित्तीय बोझ नहीं डाला जाएगा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि एनडीए सरकार पूरी निष्ठा के साथ किसानों के हितों की रक्षा करने, उनकी आमदनी बढ़ाने के साथ उनका जीवन स्तर उठाने और उनको सामाजिक सुरक्षा का लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
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