संबल योजना में नगर पालिका को नहीं मिला रहा 2 हजार श्रमिक जबकि श्योपुर जनपद ने 3 हजार से ज्यादा का सत्यापन कर दिया

संबल योजना में नगर पालिका को नहीं रहा मिला 2 हजार श्रमिक जबकि श्योपुर जनपद ने 3 हजार से ज्यादा का सत्यापन कर दिया


संबल योजना में नगर पालिका को नहीं मिला 2 हजार श्रमिक जबकि श्योपुर जनपद ने 3 हजार से ज्यादा का सत्यापन कर दिया। पूर्व की भाजपा सरकार ने प्रदेशभर में संबल योजना को लागू किया था। इसमें पंजीयन कराने से लाभार्थियों को 200 रूपये में बिजली,16 हजार रूपये में प्रसव के और भी कई लाभ दिए गए। इसके संबंध में दैनिक भास्कर की ये रिपोर्ट पढ़ें:

दैनिक भास्कर: संबल योजना में पंजीयन कराने वाले श्रमिकों के सत्यापन के आदेश हुए ताे नगरीय निकायों व जनपद पंचायताें ने पात्र-अपात्रों का सत्यापन करना शुरू किया, लेकिन इस सत्यापन में ही गड़बड़ी हो रही है। नगर पालिका को 2 हजार से ज्यादा हितग्राही नहीं मिल रहे हैं, वहीं जनपद श्योपुर ने अपने यहां दर्ज श्रमिकों की संख्या ही बढ़ाते हुए 100 फीसदी की जगह 104 फीसदी श्रमिकों को सत्यापित कर दिया है।

पूर्व की भाजपा सरकार ने प्रदेशभर में संबल योजना को लागू किया था, जिसमें गरीब मजदूरों के पंजीयन नगर पालिका व जनपद पंचायत स्तर पर किए गए। इस पंजीयन से हितग्राहियों को 200 रुपए में बिजली, 16 हजार रुपए प्रसव के और भी कई लाभ दिए गए, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस योजना पर ब्रेक लगा दिया। सबसे पहले योजना का नाम बदलकर नया सवेरा किया गया, फिर इसमें जारी कार्ड में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फोटो हटाया गया। इतना सब होने के बाद सरकार ने श्रमिकों के पंजीयन की संख्या देखते हुए इसमें जांच कराने यानी श्रमिकों को सत्यापित करने के आदेश दिए। दो महीने पहले सत्यापन को लेकर कलेक्टर ने नगरीय निकायों के सीएमओ व जनपद पंचायतों के सीईओ को आदेश जारी किए। सत्यापन का काम वर्तमान में चल रहा है। बीते रोज हुई टीएल बैठक में कलेक्टर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

सीएमओ का तर्क- श्रमिक मिल जाएंगे, सत्यापन भी करेंगे, उधर जनपद सीईओ ने पोर्टल में गड़बड़ी बताकर झाड़ा पल्ला

श्रमिक पंजीयनों को लेकर बैठक में निर्देश देते कलेक्टर।

नपा में दर्ज 19 हजार में से 17 हजार का हुआ सत्यापन, बाकी मिले ही नहीं

श्योपुर नगर पालिका में संबल योजना की शुरू होने से लेकर अंत तक इसमें 19 हजार 969 श्रमिकों के पंजीयन किए गए, जिसमें कर्मकार मंडल के 1383 श्रमिकों को भी जोड़ा गया। जब कांग्रेस सरकार ने इनके सत्यापन के आदेश दिए तो नपा इनमें से 17711 श्रमिकों का ही सत्यापन करते हुए पात्र बताया गया, यानी यहां 89 फीसदी सत्यापन का काम हुआ। जबकि 11 फीसदी शेष 2258 श्रमिक नपा को ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हैं। हालांकि नगर पालिका सीएमओ का कहना है कि वे इन श्रमिकों का भी सत्यापन करेंगे और जल्द काम पूरा होगा, श्रमिक मिलने जैसे कोई बात नहीं है।

श्योपुर जनपद ने श्रमिकों की दर्ज संख्या से बढ़ाकर कर दिया सत्यापन

श्योपुर जनपद में करीब 35 हजार श्रमिकों के पंजीयन किए गए थे। सत्यापन के आदेश के बाद इनकी पात्रता जांची गई, जिसमें जनपद ने यहां इन श्रमिकों की संख्या ही बढ़ा दी। यहां सत्यापन 104 फीसदी श्रमिकों का कर दिया गया। यानी करीब 3 से 4 हजार श्रमिक बिना दर्ज हुए ही सत्यापित कर दिए गए। इसे लेकर जनपद पंचायत श्योपुर के सीईओ एलपी प्रजापति का कहना है कि यह गड़बड़ी सॉफ्टवेयर की वजह से हुई है, जिसमें कई नाम दो बार दर्ज हो गए हैं। इसलिए यह संख्या पोर्टल पर बढ़ी हुई नजर आ रही है। सोफ्टवेयर की गड़बड़ी ठीक होने के साथ ही दर्ज श्रमिकों की संख्या ठीक हो जाएगी।

अन्य जिलों में 140 फीसदी तक सत्यापन किया गया है: अफसरों का कहना है कि बढ़ी हुई संख्या सिर्फ श्योपुर में ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे जिलों में भी सामने आ रही है, जिसमें शिवपुरी से लेकर अन्य जिले भी शामिल हैं, जहां 140 फीसदी तक सत्यापन किया गया है, यानी 40 फीसदी श्रमिक जबरन ही पोर्टल पर सत्यापित करते हुए दर्ज कर दिए गए हैं।

हम ढूंढ रहे हितग्राही, करेंगे सत्यापित

पोर्टल की गड़बड़ी से बढ़ गए नाम

जल्द सत्यापन पूरा करने के निर्देश दिए हैं

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