परवरिश योजना के तहत 157 अभिवंचित बच्चे हो रहे लाभान्वित

परवरिश योजना के तहत 157 अभिवंचित बच्चे हो रहे लाभान्वित


परवरिश योजना के तहत शून्य से छः वर्ष तक के बच्चों को 900 रूपये एवं छः वर्ष से 18 वर्ष तक बच्चे को 1000 रूपये मासिक अनुदान दिया जाता है। इस संबंध में जागरण की ये रिपोर्ट पढ़ें:

जागरण : शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों को 900 रुपये एवं छह वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को मिलता एक हजार रुपये मासिक अनुदान संवाद सहयोगी, लखीसराय : अभिवंचित बच्चों का समुदाय स्तर पर पालन-पोषण सुनिश्चित कराने को लेकर समाज कल्याण विभाग द्वारा परवरिश योजना चलाई जा रही है। इसके तहत अनाथ एवं बेसहारा बच्चों, एचआइवी ग्रसित बच्चों, एचआइवी संक्रमित माता-पिता के संतान, कुष्ठ रोग से ग्रसित बच्चों एवं कुष्ठ रोग से ग्रसित माता-पिता के संतान को लाभान्वित किया जाना है। इसके तहत शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों को 900 रुपये एवं छह वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को एक हजार रुपये मासिक अनुदान देने की व्यवस्था है। परवरिश योजना के तहत जिले में अब तक दिए गए कुल 208 आवेदन में से 157 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। प्रखंडवार प्राप्त आवेदन व लाभान्वित बच्चे

लखीसराय प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 57

लाभान्वित बच्चे - 53

लंबित आवेदन - 04

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बड़हिया प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 42

लाभान्वित बच्चे - 39

लंबित आवेदन - 03

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हलसी प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 20

लाभान्वित बच्चे - 17

लंबित आवेदन - 03

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सूर्यगढ़ा प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 44

लाभान्वित बच्चे - 22

लंबित आवेदन - 22

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चानन प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 13

लाभान्वित बच्चे - 02

लंबित आवेदन - 09

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पिपरिया प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 18

लाभान्वित बच्चे - 12

लंबित आवेदन - 06

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रामगढ़चौक प्रखंड

प्राप्त आवेदन - 14

लाभान्वित बच्चे - 10

लंबित आवेदन - 04 योजना का लक्ष्य समूह

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अनाथ एवं बेसहारा बच्चे जो अपने निकटतम संबंधी अथवा रिश्तेदार के साथ रहता है।

एचआइवी अथवा कुष्ठ रोग से ग्रसित बच्चे।

एचआइवी से ग्रसित माता-पिता के बच्चे।

कुष्ठ रोग के कारण 40 फीसद या उससे अधिक शारीरिक रूप से विकलांग माता-पिता के बच्चे। योजना की पात्रता

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बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम हो। पालन-पोषणकर्ता परिवार अथवा माता-पिता बीपीएलधारी या उनकी वार्षिक आय साठ हजार रुपये वार्षिक से अधिक नहीं हो। आवेदन की प्रक्रिया

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आवेदन पत्र आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका के पास निश्शुल्क उपलब्ध है। आवेदक द्वारा आवेदन पत्र भरकर आवश्यक कागजात के साथ सीडीपीओ कार्यालय में जमा करना है। सीडीपीओ द्वारा आवेदन की जांच कर स्वीकृति के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के यहां भेजा जाता है। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा आवेदन को स्वीकृत करने के बाद लाभुक को प्रतिमाह राशि मिलने लगती है। कोट

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सीडीपीओ द्वारा उनके कार्यालय में उपलब्ध कराए गए त्रुटिहीन आवेदन को स्वीकृत कर संबंधित अभिवंचित बच्चों को अनुदान दिया जा रहा है। त्रुटिपूर्ण आवेदन को सुधार के लिए संबंधित सीडीपीओ को वापस कर दिया जाता है।

- मुरली प्रसाद सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, लखीसराय

स्रोत: जागरण

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