कूड़ा दान करो- भोजन पाओ योजना
कूड़ा दान करो भोजन पाओ योजना जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। इससे न केवल कूड़ा निस्तारित होगा बल्कि जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध होने के साथ ही स्वयं सहायता समूह को भी फायदा होगा। इस संबंध में जागरण की ये रिपोर्ट पढ़ें:
जागरण : रामनगर, जेएनएन : अजैविक कूड़े के निस्तारण को लोक कल्याण की अवधारणा से जोडऩे के मकसद से नगर पालिका ने कूड़ा दान करो- भोजन पाओ योजना बनाई है। योजना जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। इस योजना से एक साथ तीन उद्देश्य पूरे होंगे। इससे न केवल कूड़ा निस्तारित होगा बल्कि जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध होने के साथ ही स्वयं सहायता समूह को भी फायदा होगा।
रामनगर नगर पालिका के अंतर्गत लोग अजैविक कूड़ा जहां-तहां फेंक गंदगी फैला देते है। ऐसे में लोगों को जागरूक कर इस अजैविक कूड़े को एकत्र करने के लिए प्रोत्साहन देने को पालिका ने विशेष पहल शुरू की है। योजना के तहत नगर में बाहर फैला 500 ग्राम अजैविक कूड़ा या फिर घर-कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, व्यावसायिक संस्थान से एकत्रित एलईडी, सीएफ एल, इलेक्ट्रॉनिकसामग्री की इतनी मात्रा नगर पालिका में जमा कराने पर पालिका एक कूपन देगी। इस कूपन को संबंधित व्यक्ति इंद्रा अम्मा भोजनालय में ले जाकर निशुल्क भोजन कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति भोजन करने का इच्छुक नहीं है तो वह अपना कूपन किसी और जरूरतमंद को भी दे सकता है। योजना को शुरू करने के लिए लोगों ने पालिका के इस प्रयास को काफी सराहा है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी भरत त्रिपाठी ने बताया कि तीन उद्देश्यों को लेकर यह योजना शुरू की गई है। इस योजना से जहां नगर से अजैविक कूड़े का संग्रह हो सकेगा। वहीं निराश्रित व जरूरतमंद लोगों को कूड़ा जमा करने पर भोजन मिलेगा। इस योजना में जमा कूपन का भुगतान नगर पालिका हर महीने इंद्रा अम्मा भोजनालय को करेगी। जिससे स्वयं सहायता समूह की आय भी होगी।
लोगों को जागरूक करना मकसद
अभी तक पालिका के कर्मचारी घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने के साथ ही कूड़ाघर से कचरा उठाकर लाते हैं। इसके बाद जैविक कूड़े को अलग-अलग किया जाता है। हालांकि पालिका ने हर घर को जैविक व अजैविक कूड़ा रखने के लिए दो डस्टबिन निशुल्क दिए गए हैं। लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग कूड़े का विभाजन ढंग से नहीं करते। ऐसे में लोगों में अजैविक कूड़ा अलग करने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए योजना बनाई गई है।
रिसाइकिल होगा कचरा
पालिका के पास अभी बहुत कम अजैविक कूड़ा एकत्र हो पाता है। नई योजना परवान चढ़ी तो कूड़े की मात्रा बढऩे पर अजैविक कूड़ा रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाएगा। ऐसे में पालिका को इससे भी कुछ आय हो सकेगी। हालांकि पालिका का मूल मकसद पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के लिहाज से अजैविक कूड़ा एकत्र करना है।
यह है अजैविक कूड़ा
थर्माकोल, पानी, कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक की बोतल, कुरकुरे, चिप्स, दूध के पैकेट, प्लास्टिक की टूटी कुर्सी, कांच की सामग्री आदि।
गो ग्रास योजना भी संचालित
नगर पालिका ने इससे पूर्व भी गो ग्रास योजना शुरू की हुई है। पालिका के दो ई-रिक्शा घर-घर से साफ बासी रोटी, सब्जी, चावल, दाल को अलग-अलग स्टील के बड़े डिब्बों में एकत्र करते है। इस एकत्र भोजन को रोजाना गोशाला भेजा जाता है।
स्रोत: जागरण
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