प्रधानमंत्री जन धन योजना जीरो बैलेंस होने के बावजूद निकाल सकेंगे खाते से पैसे

प्रधानमंत्री जन धन योजना जीरो बैलेंस होने के बावजूद निकाल सकेंगे खाते से पैसे, जानें क्या है


अगर किसी बैक में आपका सेविंग अकाउंट है तो आपको नियमों के अनुसार प्रधानमंत्री जन धन योजना में मिनिमम बैलेंस 5 हजार से 10 हजार तक रखने के लिए कहा है। वहीं प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले खाते में ग्राहकों को किसी भी तरह मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं। इस संबंध में जनसत्ता की ये रिपोर्ट पढ़ें:

जनसत्ता : Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana : अगर किसी बैक में आपका सेविंग अकाउंट है तो आपको नियमों के मुताबिक उसमें मिनिमम बैलेंस रखना पड़ता है। अलग-अलग बैंकों द्वारा यह सीमा अलग-अलग होती है। बैंक पांच हजार से 10 हजार रुपए मिनिमम बैलेंस का रखने के लिए कहते हैं।

वहीं प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले खाते में ग्राहकों को किसी भी तरह मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं। ग्राहको जीरो मिनिमम बैलेंस रख सकते हैं। वहीं इस योजना के तहत खुले खातों में ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा दी जाती है। यानि कि खाताधारकों को जीरो बैलेंस पर पांच हजार रुपए ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा दी जाती है। ओवरड्रॉफ्ट एक छोटे वक्त तक के लिए दिया गया लोन होता है। 

यह सुविधा वे ही खाताधारक उठा सकते हैं जो पहले 6 महीनों के लिए योजना के तहत निर्धारित पर्याप्त बैलेंस रखते हैं। इसके साथ ही उन्हें रुपे डेबिट कार्ड से एक्टिब ट्रांजैक्शन करना भी जरूरी होता है। इसके साथ ही ग्राहक का खाता आधार से लिंक होना चाहिए। अगर आपने इन तीनों में से कोई भी चीज नहीं की है तो यह बैंकों के विवेक पर निर्भर करता है कि आपको ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा दी जाए या नहीं।

बता दें कि 5 हजार रुपए के ओवरड्रॉफ्ट पर बैंक ब्याज भी लेते हैं। इसके अलावा खाताधारक की अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री भी इस सुविधा का लाभ लेने के लिए जरूरी है। क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होने पर पांच हजार की इस सीमा को 15 हजार रुपए तक बढाया भी जा सकता है। ओवरड्रॉफ्ट पर बैंक 12 प्रतिशत से 20 प्रतिशत का ब्याज लेते हैं। 

हालांकि ओवरड्रॉफ्ट पर लिए जाने वाले ब्याज दर की सीमा हर बैंक की अलग-अलग होती है। बता दें कि इस योजना के तहत 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए बैंक अकाउंट के लिए सरकार ने दुर्घटना बीमा 1 लाख रुपये से बढाकर 2 लाख कर दिया है। सरकार का कहना है कि आगामी दिनों में इस योजना का दायरा अभी और बढने वाला है।

स्रोत: जनसत्ता

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