भारत माला सड़क योजना चार नदी घाटियों को जोड़ेगी एक धागे में, पहले चरण के सर्वे का काम पूरा

भारत माला सड़क योजना चार नदी घाटियों को जोड़ेगी एक धागे में, पहले चरण के सर्वे का काम पूरा


रत माला चार नदी घाटियों को एक साथ जोडने वाली माला बनेगी यह हिमनदों से निकलकर बहने वाली कुमाऊं की चार सबसे बड़ी नदियां काली, गोरी, रामगंगा और सरयू नदी घाटियों का पर्यटक एक साथ ​दीदार कर सकेंगे। इस संबंध में जागरण की ये रिपोर्ट पढ़ें:

जागरण : पिथौरागढ़, जेेएनएन : ऑलवेदर सड़क से जहां सीमांत से मैदान तक पहुंंचना सुगम होगा वहीं भारत माला चार नदी घाटियों को एक साथ जोडने वाली माला बनेगी। हिमनदों से निकल कर बहने वाली कुमाऊं की चार सबसे बड़ी नदियां काली, गोरी, रामगंगा और सरयू नदी घाटियोंं का पर्यटक एक साथ दीदार कर सकेंगे। बागेश्वर में बहने वाली सरयू नदी से लेकर सीमांत की काली नदी घाटी के मध्य अनछुए पर्यटक स्थल सामने आएंगे।

अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में भारत माला के तहत दो सड़कें स्वीकृत

अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में भारत माला के तहत दो सड़कें स्वीकृत हैं। जिसमें एक सड़क बैजनाथ बागेश्वर  से कपकोट-  सामा-  भराड़ी -क्वीटी- बिर्थी- कालामुनि- मुनस्यारी- मदकोट- बंगापानी- बरम से जौलजीवी तक है। दूसरी सड़क अस्कोट से जौलजीवी- बलुवाकोट- धारचूला- तवाघाट होते चीन सीमा तक है। दोनों सड़कों का मिलान काली और गोरी नदी का संगम स्थल जौलजीवी है। सरयू बागेश्वर से मुनस्यारी होकर जौलजीवी तक बनने वाली भारत माला सड़क पर्यटन के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाली है।

इस सड़क का भी बदल जाएगा अब हुलिया

यूं तो बागेश्वर के बैजनाथ  से वाया कपकोट होते मुनस्यारी के क्वीटी के निकट कक्कड़ सिंह मोड़ तक सड़क है। सिंगल सड़क ऊपर से बेतरतीब मोड़ों वाली इस सड़क पर सफर करने से सभी कतराते हैं। अभी तक यहां से बागेश्वर से मुनस्यारी आने जाने के लिए इसका प्रयोग कभी कभार विकल्प के रूप में किया जाता है। वहीं कक्कड़ सिंह बैंड से मुनस्यारी तक जाने वाली सड़क भी सिंगल है । मानसून काल में मलबा आने और शीतकाल में बर्फबारी से बंद रहने वाली इस सड़क का हुलिया बदल चुका है। मुनस्यारी से जौलजीवी तक बीआरओ सड़क चौड़ीकरण का कार्य कर रहा है। यह सड़क अब भारत माला के तहत आ चुकी है।

नदी घाटी से चोटियों तक के होंगे दीदार

भारतमाला  के तहत बनने वाली इस सड़क की सबसे बड़ी विशेषता कुमाऊं की सबसे बड़ी नदियों की घाटियों से चोटियों तक के दीदार होंगे। सामाधुरा , कालामुनि, बिटलीधार  और मुनस्यारी जैसे ऊंचाई वाले स्थानों से लेकर गोरी नदी की सुरम्य घाटी होते हुए जौलजीवी से नेपाल दर्शन करती होगी। मार्ग में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होकरा , मदकोट के गर्म जल स्रोत सहित सदाबहार झरने और गोरी और काली नदी के साथ चलने का अवसर मिलेगा।

सड़कों का प्रथम सर्वे हुआ

भारत माला सड़कों का प्रथम चरण का सर्वे हो चुका है। अब वित्त्त की स्वीकृति होनी है। वहीं सीमांत में भारत माला सड़क निर्माण के लिए जनता सहयोग के लिए तैयार बैठी है। भारत माला के तहत बनने वाली सड़क पहली बार सीमा छोर में रहने वाले लोगों के लिए सुगम यात्रा के द्वार खोलेगी ।

दो सड़कों की स्वीकृति उपलब्धि

अल्‍मोड़ा के सांसद अजय टम्टा ने बताया कि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र मेंं भारत माला के तहत दो सड़कों की स्वीकृति बहुत बड़ी उपलब्धि है। ऑलवेदर  सड़क के बाद  अब दूरस्थ की जनता को भी अच्छी सड़क पर सफर करने को मिलेगा। भारत माला के तहत सड़कों का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा। ऑलवेदर सड़क की तर्ज पर ही भारत माला सड़कों का कार्य भी तेजी के साथ होगा।

क्‍या है भारतमाला परियोजना

भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे रह गए हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्‍ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी।

स्रोत : जागरण

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