मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना का लाभ बटाइदार किसानों को भी मिलेगा
नई योजना में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी हकदार होगा। इसमें 60 फीसद से अधिक दिव्यांगता पर अधिकतम दो लाख रुपये मिलेंगे।इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे। इस संबंध में दैनिक भास्कर की ये रिपोर्ट पढ़ें:
दैनिक भास्कर : लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। मंगलवार देर शाम को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव कर दिया गया। इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे। खास बात है कि बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा।
कैबिनेट की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई। सरकार के प्रवक्ता लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बैठक में 14 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। किसानों के संबंध में बीमा योजना के रूप में अहम फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था। नई योजना में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी पात्र होगा। बीमित किसान की मृत्यु पर पांच लाख रुपए जबकि दिव्यांगता पर बीमा राशि को श्रेणीवार रखा गया है। इसमें 60 फीसद से अधिक दिव्यांगता पर अधिकतम दो लाख रुपये मिलेंगे।
45 दिन के भीतर तहसील में करना होगा आवेदन
योजना में शर्त रखी गई है कि दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा। एक माह तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन बीतने के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा।
जिलाधिकारियों के माध्यम से चलायी जाएगी यह योजना
प्रवक्ता ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में बीमा कंपनियों के पास बीमा राशि 675 करोड़ रुपए पहुंची, जबकि खर्च मात्र 200 करोड़ रुपये ही हुए। इस तरह बीमा कंपनियां 475 करोड़ रुपए का लाभ कमा गईं। अब इस योजना से बीमा कंपनियों का दखल खत्म कर दिया गया है। राज्य सरकार से वित्त पोषित यह योजना जिलाधिकारियों के माध्यम से चलाई जाएगी। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 18 से 70 वर्ष तक की उम्र के किसान पात्र होंगे। योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा।
कैबिनेट की बैठक में इन फैसलों को भी मिली मंजूरी
- आबकारी नीति 2020-21 को प्रतिपादित किए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट का अनुमोदन मिला है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति के तहत देसी मदिरा, बीयर और विदेशी मदिरा के बेसिक लाइसेंस फीस में क्रमशः 10%, 15% और 20% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित किया गया है।
- वित्तीय वर्ष 2019-20 में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 31,600 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।
- वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण और सौन्दर्यीकरण परियोजना के लिए पीएफएडी के जरिए संशोधित आंकलित लागत 345.27 करोड़ रुपए+GST को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
- प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना’ के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया निर्धारण को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। योजना के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
- मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के चारों ओर 177 करोड़ रुपए की लागत से 10 मीटर चौड़ी सर्विस रोड के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया है।
- मेसर्स पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जनपद गौतमबुद्ध नगर में मेगा फूड पार्क स्थापित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली है।
- मेसर्स पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (जनपद मथुरा) और मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जनपद बुलंदशहर) के जरिए प्रदेश में 689 करोड़ रुपए के निवेश के लिए लेटर ऑफ कम्फर्ट निर्गत किया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अंतर्गत मेगा परियोजनाओं को विशेष सुविधाएं और रियायत देने का प्रस्ताव पारित हुआ है।
- भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्रमुखता से दर्शाने के लिए फीचर फिल्म ‘हल्का’ को राज्य माल एवं सेवा कर (SGST) से मुक्त करने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया गया है।
- नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, लखनऊ के संचालन के लिए सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकरण के लिए तैयार किए गए संविधान एवं नियमावली और स्मृति पत्र को कैबिनेट का अनुमोदन मिला है।
- उदय योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहायक निगमों के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में लिए गए कार्यशील पूंजी ऋण के आहरण के लिए शासकीय प्रत्याभूत धनराशि 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सीमा स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है।
- उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहयोगी विद्युत वितरण निगम के लिए उदय योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में लिए जाने वाले ऋणों के लिए 1784.56 करोड़ रुपए की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति दिए जाने का प्रस्ताव पास कर दिया है।
- जनपद शामली कलेक्ट्रेट में अनावासीय भवनों का निर्माण अनुमोदित मानकीकरण से इतर कराए जाने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट से पास हुआ है. कुल 29.6 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित लागत से भवनों का निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा।
- प्रदेश में जीएसटी प्रणाली के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों को दूर किए जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रख्यापन और विधान मंडल में फिर से स्थापित कराए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट का अनुमोदन मिला है।
स्रोत : दैनिक भास्कर
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