आइ एम ए विलेज योजना में सभी 95 ब्लॉकों में एक-एक गांव बनना है मॉडल
उत्तराखंड में हो रहे पलायन को रोकने और खेती के गिरते हुए स्तर को सुधारने के लिए आइ एम ए विलेज योजना की शुआत सरकार कर रही है। इस संबंध में जागरण की ये रिपोर्ट पढ़ें:
जागरण : देहरादन, केदार दत्त। उत्तराखंड में पलायन से खाली होते गांवों और रसातल में जाती खेती-किसानी के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है। इस कड़ी में 'आइ एम ए विलेज' (मैं एक गांव हूं) योजना को सरकार अब धरातल पर उतारने जा रही है। इसमें राज्य के सभी 95 ब्लाकों में एक-एक गांव को कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिहाज से मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए चयनित गांवों को एक से डेढ़ करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
प्रदेश में घटती कृषि विकास दर और कृषि भूमि के बंजर में तब्दील होने की बढ़ती रफ्तार चिंता बढ़ा रही है। खुद सरकारी आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। एक दशक पहले राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की भागीदारी सात फीसद थी, जो घटकर 4.67 फीसद पर आ गई है। 72 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर में तब्दील हुई है। हालांकि, गैर सरकारी आंकड़े ऐसी भूमि का रकबा एक लाख हेक्टेयर बताते हैं। कारणों की पड़ताल हुई तो पता चला कि इसकी मुख्य वजह गांवों से निरंतर हो रहा पलायन है।
स्रोत : जागरण
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