सरकार ने खत्म की स्मार्ट कार्ड की अनिवार्यता, अब राशन कार्ड से भी हो जाएगा इलाज

सरकार ने खत्म की स्मार्ट कार्ड की अनिवार्यता, अब राशन कार्ड से भी हो जाएगा इलाज


मरीजों को इलाज के लिए केवल अपना राशनकार्ड और आधार कार्ड अथवा ऐसा ही कोई शासकीय पहचान पत्र अस्पताल में दिखाना होगा। मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में 50 हजार तक फ्री इलाज की सुविधा पाने वालों को भी केवल राशनकार्ड और कोई एक पहचान पत्र दिखना पड़ेगा। इस संबंध में न्यूज 18 हिन्दी की ये रिपोर्ट पढ़ें:

न्यूज 18 हिन्दी : रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने मरीजों को इलाज के लिए एक बड़ी सौगात दे दी है. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 5 लाख तक के फ्री इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड (Smart Card) की अनिवार्यता सरकार ने खत्म कर दी गई है. मरीजों को इलाज के लिए केवल अपना राशनकार्ड (Ration Card) और आधार कार्ड (Adhar Card) अथवा ऐसा ही कोई शासकीय पहचान पत्र अस्पताल में दिखाना होगा. मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में 50 हजार तक फ्री इलाज की सुविधा पाने वालों को भी केवल राशनकार्ड और कोई एक पहचान पत्र दिखना पड़ेगा. जानकारी के मुताबिक ये नया नियम शुक्रवार से पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में पांच लाख तक फ्री इलाज की पात्रता रखने वाले हितग्राहियों की संख्या 56 लाख है. 50 हजार तक फ्री इलाज के हितग्राही 16 लाख हैं.  दोनों के लिए इलाज की स्कीम अलग-अलग है.

नियम में राज्य सरकार ने किया बदलाव

छत्तीसगढ़ सरकार ने दोनों फ्री इलाज योजना में बड़ा बदलाव कर दिया है. अफसरों के मुताबिक सॉफ्टवेयर के डेटाबेस से स्मार्ट कार्ड के आंकड़े हटा दिए गए है. अब मरीज और उनके परिजनों को पंजीकृत अस्पतालों में फ्री इलाज के लिए राशन कार्ड के अलावा पहचानपत्र के रूप में प्राथमिक, अंत्योदय राशन कार्ड, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कोई न कोई शासकीय पहचानपत्र लेकर जाना पड़ेगा. राशनकार्ड के अलावा सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 के हितग्राहियों को योजना का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा. सॉफ्टवेयर इन मरीजों की पहचान अब नए फार्मूले से करेगा. ये फॉर्मूला सॉफ्टवेयर में अपलोड कर दिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए ये निर्देश

डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना लागू होने के पहले अस्पतालों और कियोस्क सेंटरों में ई-कार्ड बनाने का काम चल रहा था. इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है. पहले बने हुए ई-कार्ड में किसी तरह की परेशानी आने पर लोग अस्पताल व कियोस्क सेंटर में जाकर ई-कार्ड में सुधार और बदलाव करा सकेंगे. उन्हें पुराने के बदले नए कार्ड जारी किए जाएंगे. इस संबंध में अस्पताल और कियोस्क सेंटर प्रभारियों को निर्देश दिए जा चुके है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने निर्देश दिए है कि आयुष्मान योजना के सॉफ्टवेयर की तरह नई योजना का सर्वर फास्ट होना चाहिए, क्योंकि स्लो सर्वर से मरीजों को इलाज और पंजीयन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.

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