प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू होते ही बढ़ी किसानो की दिलचस्पी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के शुरू होते ही किसानो की दिलचस्पी बढ़ने लगी है, इसके शुरू होते ही जहाँ 1.07 लाख किसानो की संख्या बढ़कर 1.23 लाख तक पहुँच गयी. इस खबर को और अधिक विस्तार से पढने के लिए अमर उजाला के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
अमर उजाला: शामली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू होते ही जिले में पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। योजना के शुरू होने से पहले कृषि विभाग में पंजीकृत किसानों की संख्या 1.07 लाख थी जो अब बढ़कर 1.23 लाख तक पहुंच गई है। इसकी कई वजह मानी जा रही हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत दिसंबर 2018 में हुई थी। उस वक्त जनपद में कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 1.07 लाख थी, लेकिन एक ही साल में ये आंकड़ा बढ़कर 1.23 लाख पहुंच गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 1.23 किसानों का डाटा उपलब्ध है। एक साल में जिले में 16 हजार किसानों का पंजीकरण बढ़ा है। कृषि उपनिदेशक का कहना है कि योजना के बाद किसानों में जागरूकता बढ़ी है। इस क्षेत्र में किसान परिवार में अधिकांशत: जमीन घर के बड़े (पिता या माता) के नाम ही होती है। पूरी जमीन का एक ही वारिस होता है, इसलिए उसे एक ही किसान माना जाता है। वही किसान विभाग में पंजीकृत होता है, लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रत्येक किसान को मिलता है, इसलिए देखा जा रहा है कि किसान परिवारों में जमीन के कई हिस्से होने लगे हैं। पिता या माता अपने बच्चों में जमीन का बंटवारा करने लगे हैं। जो जमीन पहले एक ही किसान के नाम थी अब वही जमीन कई लोगों में बंटने लगी है, ताकि सभी को योजना का लाभ मिल सके।
किसानों की संख्या बढ़ने की दूसरी वजह ये भी है कि किसान अब अपना रजिस्ट्रेशन भी कृषि विभाग में कराने लगे हैं, क्योंकि सम्मान निधि के अलावा कृषि विभाग की अधिकांश योजनाओं का लाभ भी किसान को तभी मिलता है, जब विभाग में उसका रजिस्ट्रेशन हो। अधिकारियों को उम्मीद है कि ये संख्या अभी ओर बढ़ सकती है।
कोट
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए काफी लाभकारी है। इसके शुरू होने के बाद जागरूक हुए किसान रजिस्ट्रेशन कराने लगे हैं। निधि के लिए जमीनों को भी परिवार के सदस्यों में बांटने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। जिससे किसान परिवारों की संख्या बढ़ रही है। - शिवकुमार केसरी, कृषि उपनिदेशक
स्रोत: अमर उजाला
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