प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले के 10 गांवों की बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री ने गाँवों की दशा बदलने के लिए और देश की तरक्की के लिए शुरू किया गया योजना "प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना" के तहत गाँव को गोद लिया जाता है और उस गाँव की तस्वीर को बदलने का काम किया जाता है. इसी के लिए 10 गाँवों को गोद लिया गया है और उसकी तस्वीर बदलने का वादा किया गया है. इस सम्बन्ध में दैनिक भास्कर के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
दैनिक भास्कर: केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अब तक प्रदेश में ठंडे बस्ते में पड़ी थी। अब इसे प्रभावी रूप से लागू करके योजना में आने वाले गांव के विकास का खाका तैयार करने के आदेश सरकार की तरफ से आ गए है। इसके लिए अधिकारियों की विशेष ट्रेनिंग हो गई है। जिला प्रशासन ने योजना के तहत आने वाले 10 गांव का भी चयन कर लिया है। अब इन 10 गांव का पिछड़ापन दूर करने और उन्हें विकास की राह पर लाने के लिए जिला स्तर पर बनाई गई कमेटी रोडमैप तैयार कर रही है। सरपंच की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर गांव का सर्वे करवाया जाएगा। वहां आधारभूत सुविधाओं का डाटा तैयार होगा। गांव में क्या क्या कमियां है। कौनसा विभाग किस समस्या का निदान कर सकता है। इसकी रूपरेखा बनाई जाएगी। इस प्रभावशाली योजना को जिला में लागू करने के आदेश डीसी की अोर से जारी कर दिए है। दो साल की इस योजना में गांव का विकास करके उसकी तस्वीर बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सुनहरा भविष्य
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के मुताबिक जिस गांव की जनसंख्या 500 से अधिक हो और उसमें 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग रहते हो। ऐसे गांव को इस योजना में लिया जाता है। इन चयनित गांवों में केंद्र एवं राज्य की योजनाओं का प्रभावी तौर पर क्रियान्वयन कर हर स्तर पर सुधार किया जाएगा। इन गांवों को केंद्र से 20 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। बाकी राशि राज्य सरकार ही वहन करती है। सभी विभाग मिलकर गांव की समस्याओं को खत्म करके उसे विकास की राह पर लेकर आएंगे। जैसे बिजली से जुड़ी समस्या का हल बिजली निगम करेगा। उसका खर्च भी निगम को ही उठाना पड़ेगा। जैसे गलियों वगैरह पक्की करवानी है तो पंचायती राज विभाग उसका खर्च उठाएगा।
डीसी और सरपंच के नेतृत्व में दो कमेटी बनेगी
इस योजना के तहत दो कमेटियों का गठन किया जाएगा। जिलास्तर पर बनने वाली कमेटी के चेयरमेन डीसी होंगे। वहीं गांव स्तर पर सरपंच के नेतृत्व में कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें पंचायत के चयनित अनुसूचित जाति के पंच ही मैंबर होंगे।
इन विभागों को सौंपी जाएगी विकास की जिम्मेदारी
योजना के तहत कई विभागों के अधिकारियों की एक जिला स्तरीय टीम बनाई है। इसमें जिला पंचायत, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, बिजली, सिंचाई, जल संसाधन, खाद्य, किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग,, एनआईसी, बीएसएनएल, लीड बैंक और जनजातीय कार्य विभाग से योजनाओं का पुख्ता क्रियान्वयन कर चयनित गांवों को आदर्श रूप में विकसित किया जाएगा।
योजना में चयनित गांव
बाजेकां, डबवाली, कालांवाली, कोटली, मसीतां, सूचान, खुइया मलकाना, नीमला, भड़ोल्यांवाली, अलीकां
स्रोत: दैनिक भास्कर
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