PRAGYATA: बच्चों को ऑनलाइन कैसे पढ़ाएं, HRD ने दिशा निर्देश जारी किया
कोरोना के इस महामारी काल में सभी स्कूल कॉलेज बंद हो चुके हैं, जिस कारण 240 मिलियन से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं. कई स्कूल कॉलेज ऑनलाइन क्लासेज शुरू भी किये हैं. इसी को देखते हुए MHRD ने स्कूलों के लिए दिशा निर्देश "PRAGYATA" जारी किया है. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए आज तक के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
आज तक: आज जब देश में कोरोना संकट को देखते हुए स्कूल कॉलेज बंद हैं. देश भर में स्कूल बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज दे रहे हैं. जिसके सामने घंटों बैठकर बच्चे अपना वक्त बिता रहे हैं. इसे देखते हुए एचआरडी मंत्रालय ने प्रज्ञाता नाम से मंगलवार को स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं के लिए दिशा-निर्देशों की घोषणा की. जानिए ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सरकार ने किस तरह के नियम बनाए हैं जो स्कूलों को भी मानना जरूरी होगा.
एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ये दिशा-निर्देश उन छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाए गए हैं, जो घर पर हैं. ये दिशा-निर्देश उन बच्चों के लिए हैं, जो घर पर लॉकडाउन के कारण रह रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन, मिश्रित, डिजिटल शिक्षा के जरिये सिखाने की कोशिश की जा रही है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस गाइडलाइन के जरिये स्कूलों को सुझाव दिया है कि प्री-प्राइमरी के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं दिन में 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए. मंत्रालय द्वारा कक्षा 1 से 8 वीं तक के लिए यह सुझाव दिया गया है कि प्रत्येक दिन 45 मिनट तक के दो से अधिक ऑनलाइन सत्र एक दिन में आयोजित नहीं किए जाने चाहिए.
ये गाइडलाइन ये ध्यान में रखकर तैयार की गई कि स्क्रीन समय में कटौती की जा सके. साथ ही छात्रों का समग्र विकास भी हो. इस गाइडलाइन में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के सीनियर स्टूडेंट्स के लिए मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि इन ऑनलाइन कक्षाओं को 45 मिनट तक के अधिकतम चार सत्रों तक सीमित किया जाए.
COVID-19 महामारी के चलते स्कूलों को बंद कर दिया गया है. ऐसे में देश के 240 मिलियन से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं. नई गाइडलाइन जारी करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए, स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सीखने के तरीके को फिर से तैयार करना होगा बल्कि घर पर स्कूली शिक्षा के एक अलग तरह के सिखाने के तरीके से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की एक उपयुक्त विधि भी प्रस्तुत करनी होगी.
इस गाइडलाइन में विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा गया है कि इससे विद्यालय प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, और छात्रों सहित सभी हितधारकों के लिए ये दिशानिर्देश प्रासंगिक और उपयोगी हों. इसके अलावा NCERT के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर को पूरा करने के लिए भी दिशा-निर्देशों में जोर दिया गया है.
क्या है प्रज्ञाता PRAGYATAPRAGYATA दिशानिर्देशों में डिजिटल लर्निंग के आठ चरण शामिल हैं, जो है, PLAN यानी योजना- समीक्षा- व्यवस्था- गाइड- याक (बात) - असाइन- ट्रैक- सराहना(Plan- Review- Arrange- Guide- Yak (talk)- Assign- Track- Appreciate) शामिल हैं. यानी पहले सही योजना बनाकर उसका रीव्यू हो, फिर उसके लिए संसाधन अरेंज करके बच्चों को गाइड किया जाए, फिर उनसे बात करके उन्हें विषयवस्तु असाइन की जाए. लास्ट के दो चरणों में ट्रैक यानी कि उनसे फीडबैक लेकर उनकी सराहना की जाए.
ये आठों कदम डिजिटल शिक्षा की योजना और कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करते हैं. दिशानिर्देशों में देश भर में स्कूल जाने वाले बच्चों को लाभान्वित करने, डिजिटल, ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकजुट करने पर जोर दिया गया है. बता दें कि सरकार की इस पहल में DIKSHA, SWAYAM Prabha, Radio Vahini और Shiksha Vaani शामिल हैं.
Source: आज तक
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