रेहड़ी-पटरी वालों को 20,000 रुपये तक का लोन देगी दिल्ली सरकार

 रेहड़ी-पटरी वालों को 20,000 रुपये तक का लोन देगी दिल्ली सरकार

कोरोना महामारी के कारण होने वाले लॉकडाउन के चलते अनेकों रेहड़ी - पटरी वालों का व्यापार चौपट हो गया. सिर्फ दिल्ली में लगभग पांच लाख रेहड़ी - पटरी वालो का व्यापार बंद हो गया. इस बेरोजगारी से निपटने के लिए दिल्ली सरकार सभी रेहड़ी - पटरी वालों को अपना व्यापार पुनः स्थापित करने के लिए 20,000 रूपये तक का आर्थिक मदद करेगी. इस बेरोजगारी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भी "प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना" की शुरुआत की गई है, इसके तहत रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रूपये का कर्ज मुहैया कराया जाता है, लेकिन दिल्ली सरकार अपने दिल्ली वासियों को 20,000 रूपये तक का कर्ज मुहैया कराएगी. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए जागरण के इस रिपोर्ट को पढ़ें:

Prime-Minister-Scheme

जागरण: नई दिल्ली [वीके शुक्ला]।  लॉकडाउन के कारण दिल्ली के रेहड़ी पटरीवालों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा है। इनकी आजीविका पर सबसे ज्‍यादा मार पड़ी है, लॉकडाउन के बाद राजधानी दिल्ली की आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने व लोगों को आर्थिक मदद देने के मकसद से दिल्ली सरकार रेहड़ी- पटरी वालों को 20 हजार रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराएगी। इसमें सब्जी व फल विक्रेता भी शामिल होंगे। दिल्ली सरकार के एससी, एसटी, अल्पसंख्यक विभाग की एक बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्रपाल गौतम भी मौजूद थे। इस फैसले से एक लाख से अधिक पंजीकृत रेहड़ी-पटरी वालों को फायदा होगा। सरकार का कहना है कि जल्द ही इस योजना को जमीन पर उतारने का काम शुरू कर दिया जाएगा।


गौरतलब है कि दिल्ली में पांच लाख के करीब रेहड़ी-पटरी वाले हैं, लेकिन तीनों नगर निगमों व नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के अंतर्गत 1.3 लाख ही पंजीकृत हैं। फिलहाल सरकार की इस योजना का फायदा पंजीकृत रेहड़ी- पटरी वालों को ही मिलेगा।


गौरतलब है कि दिल्ली में लॉकडाउन के चलते रेहड़ी-पटरी वालों को काफी नुकसान हुआ है। उन्हें आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वालों के लिए केंद्र सरकार ने भी एक लोन स्‍कीम शुरू की है, जिसका नाम पीएम स्‍वनिधि योजना है। इस स्‍कीम का मकसद रेहड़ी-पटरी और छोटी दुकान चलाने वालों को सस्ता कर्ज देना है, इस स्‍कीम को पीएम स्‍ट्रीट वेंडर्स आत्‍मनिर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है। 

स्रोत: जागरण

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