कोरोना से नौकरी गंवाने वाले कामगारों को मिलेगी तीन महीने की 50% सैलरी, ईएसआईसी का फैसला

कोरोना से नौकरी गंवाने वाले कामगारों को मिलेगी तीन महीने की 50% सैलरी, ईएसआईसी का फैसला


कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने सभी कामगारों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला किया है, जिससे इस बेरोजगारी के दौर में कुछ सुविधा मिलेगी. ईएसआईसी ने कहा है कि कोरोना से नौकरी गंवाने वाले सभी कामगारों को तीन महीने की 50% सैलरी मिलेगी और यह रकम सीधे उनके खाते में जमा कर दिया जाएगा. इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनका रोजगार 24 मार्च से 31 दिसम्बर 2020 के दौरान छूट गया हो. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए दैनिक भास्कर के इस रिपोर्ट को पढ़ें:

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  • 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 तक नौकरी गंवाने वाले कामगारों को मिलेगा लाभ
  • 21 हजार रुपए मासिक सैलरी वाले बीमित कामगार आएंगे नई स्कीम के दायरे में

कोरोना आपदा के कारण नौकरी गंवाने वाले औद्योगिक कामगारों को राहत देने के लिए सरकार एक नई योजना लेकर आई है। योजना के तहत कोरोना संकट में नौकरी गंवाने वाले करीब 40 लाख औद्योगिक कामगारों को तीन महीने की 50 फीसदी सैलरी दी जाएगी। यह सैलरी नौकरी छूटने या नौकरी छूटने की संभावना के कारण बेरोजगारी लाभ के तौर पर दी जाएगी। इस योजना के तहत 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच बेरोजगार होने वाले कामगारों को लाभ मिलेगा।

ईएसआईसी बोर्ड से मिली प्रस्ताव को मंजूरी

औद्योगिक कामगारों को बेरोजगारी लाभ देने वाले इस प्रस्ताव को कर्मचारी बीमा राज्य निगम (ईएसआईसी) के बोर्ड ने गुरुवार को मंजूरी दे दी है। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बोर्ड बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने की। ईएसआईसी श्रम मंत्रालय के अधीन काम करता है। ईएसआईसी का अनुमान है कि इस कदम से मार्च से दिसंबर 2020 अवधि के मध्य करीब 41 लाख औद्योगिक कामगारों को लाभ मिलेगा। ईएसआईसी बोर्ड की सदस्य अमरजीत कौर के मुताबिक, इस कदम से ईएसआईसी के योग्य बीमित व्यक्तियों को तीन महीने की औसत 50 फीसदी सैलरी के बराबर नकद लाभ मिलेगा।

दोगुनी हो सकती है लाभार्थियों की संख्या

कौर के मुताबिक, कामगारों को बेरोजगारी लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन पात्रता मापदंडों में थोड़ी ढील दी जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो लाभार्थियों की संख्या दोगुनी (7.5 मिलियन) हो सकती है। 21 हजार रुपए तक की मासिक सैलरी वाले औद्योगिक कामगारों की ईएसआईसी योजना का लाभ मिलता है। योजना के तहत इन कामगारों की बेसिक सैलरी का 0.75 फीसदी हिस्से का योगदान ईएसआईसी को किया जाता है, जबकि 3.25 फीसदी हिस्सा एम्पलॉयर की तरफ से दिया जाता है। इस योगदान के जरिए ईएसआईसी इन कामगारों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है।

ईएसआईसी ब्रांच ऑफिस से कर सकते हैं क्लेम

बोर्ड के फैसले के मुताबिक, बीमित व्यक्ति को इस योजना का लाभ लेने के लिए एम्प्लॉयर के कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बीमित व्यक्ति ईएसआईसी के ब्रांच ऑफिस के जरिए क्लेम कर सकता है। एम्प्लॉयर के साथ क्लेम के वैरिफ़िकेशन का कार्य भी ब्रांच ऑफिस के स्तर से किया जाएगा। वेरिफिकेशन होने के बाद सीधे बीमित व्यक्ति के खाते में पैसा जमा कर दिया जाएगा।

बेरोजगार होने के बाद 30 दिन में मिल जाएगा पैसा

प्रस्ताव के मुताबिक, अब यह राहत भुगतान बेरोजगार होने के 30 दिन में मिल जाएगा। क्लेम के दौरान पहचान के लिए 12 डिजिट के आधार नंबर का प्रयोग किया जाएगा। यह प्रक्रिया 2018 से चल रही अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत होगी। इस योजना में 25 फीसदी बेरोजगारी लाभ देने का प्रावधान है। लेकिन अभी तक इसमें तकनीकी अड़चनें आ रही थीं।

कोरोना के कारण 80 लाख कामगार ईएसआईसी योजना से बाहर हुए

ईएसआईसी बोर्ड के एक अन्य सदस्य और भारतीय मजदूर संघ की नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य वी. राधाकृष्णन का कहना है कि इस फैसले से औद्योगिक कामगारों के एक बड़े हिस्से को लाभ मिलेगा। इसमें अब तक नौकरी गंवा चुके और आने वाले महीनों में नौकरी छूटने की संभावना वाले कामगार शामिल हैं। राधाकृष्णन के मुताबिक, कारोबार पर कोरोना के दुष्प्रभाव के कारण पिछले कुछ महीनों में करीब 80 लाख कामगार ईएसआईसी योजना से बाहर हुए हैं। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, इस फैसले से करीब 40 लाख कामगार लाभान्वित होंगे। इस योजना पर सरकार को करीब 6700 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि मंत्रालय के आधिकारिक बयान का इंतजार है।

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