केंद्र सरकार ने 13 भाषाओं में 24X7 टोल फ्री मानसिक पुनर्वास हेल्पलाइन 'किरण' की शुरुआत की
केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण कई लोगों को मानसिक बीमारी से छुटकारा देने के लिए 24x7 टोल-फ्री मानसिक पुनर्वास हेल्पलाइन "किरण" की शुरुआत की। यह हेल्पलाइन देश के 13 भाषाओँ में उपलब्ध होगी। किरण हेल्पलाइन जल्दी जांच, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, संकट प्रबंधन, मानसिक भलाई, सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन आदि के उद्देश्य से मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराएगी। यह हेल्पलाइन कार्यप्रणाली पूरे देश में व्यक्तियों, परिवारों, गैर सरकारी संगठनों, व्यावसायिक संघों, पुनर्वास संस्थानों, अस्पतालों और किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को 13 भाषाओं में पहले चरण की सलाह, परामर्श और संदर्भ उपलब्ध कराने वाली जीवन रेखा के रूप में काम करेगी। इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए अमर उजाला के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
अमर उजाला: केंद्र सरकार ने मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराने के लिए 24X7 हेल्पलाइन की सोमवार को शुरुआत की। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिकता मंत्री थारवरचंद गहलोत ने हेल्पलाइन 'किरण' (1800-599-0019) की शुरुआत की।
गहलोत ने कहा कि 'किरण' हेल्पलाइन जल्दी जांच, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, संकट प्रबंधन, मानसिक भलाई, सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन आदि के उद्देश्य से मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि 'यह पूरे देश में व्यक्तियों, परिवारों, गैर सरकारी संगठनों, व्यावसायिक संघों, पुनर्वास संस्थानों, अस्पतालों और किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को 13 भाषाओं में पहले चरण की सलाह, परामर्श और संदर्भ उपलब्ध कराने वाली जीवन रेखा के रूप में काम करेगी।'
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह हेल्पलाइन मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के लिए भी बहुत उपयोगी होगी। मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रबोध सेठ ने इस हेल्पलाइन के बारे में प्रस्तुति भी दी।
उन्होंने कहा कि 'यह टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर सप्ताह के सभी दिन चौबीसों घंटे, बीएसएनएल के तकनीकी समन्वय के साथ संचालित होगी। इसे 660 नैदानिक/पुनर्वास मनोवैज्ञानिकों और 668 मनोचिकित्सकों की सहायता प्राप्त है।'
उन्होंने कहा कि 13 भाषाओं में हिंदी, असमिया, तमिल, मराठी, ओडिया, तेलुगू, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, बंगाली, उर्दू और अंग्रेजी शामिल हैं।
स्रोत: अमर उजाला
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