दोगुनी होगी सब्सिडी, यूपी में निर्यात बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्पादित वस्तुओं का निर्यात बढाने के लिए निर्यातकों को दी जानेवाली मालभाड़ा प्रतिपूर्ति अर्थात सब्सिडी बढाने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद निर्यातकों को मिलने वाली सब्सिडी दोगुनी हो जाएगी.
लखनऊ. राज्य में निर्यात बढ़ाने को लेकर योगी सरकार (UP Government) ने बड़ा फैसला किया है। प्रदेश में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि के लिए निर्यातकों को गेटवे पोर्ट तक माल भेजने के लिए सरकार की तरफ से दी जाने वाली मालभाड़ा प्रति पूर्ति यानी कि सब्सिडी बढ़ाने की प्रक्रिया पर विचार कर रही है। इस प्रक्रिया के बाद निर्यातकों को मिलने वाली मालभाड़ा सब्सिडी की धनराशि करीब दोगुनी हो जाएगी। इससे निर्यातक विश्व बाजार में कीमतों के स्तर पर चीन के उत्पादों से बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। नई निर्यात नीति 2020- 25 के प्राविधानों के अनुरूप सब्सिडी योजना में इसके लिए जरूरी बदलाव भी किए जाएंगे।
मालभाड़े पर भी सब्सिडी
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल का कहना है कि अब तक सिर्फ ट्रेन से माल भेजने पर ही सब्सिडी दी जाती थी। नई व्यवस्था में निर्यात उत्पाद ट्रक से गेटवे पोर्ट तक भेजे जाने पर भी मालभाडे पर सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी की दरें तय करने पर मंथन जारी है।
गौरतलब है कि सब्सिडी योजना के तहत निर्यातकों को 20 फीट कंटेनर पर 5000 रुपये, 40 फीट कंटेनर पर 12000 रुपये और कैपिंग पर एक लाख 20 हजार रुपये सब्सिडी दिए जाने की व्यवस्था है। बदलाव के बाद 20 फीट कंटेनर पर करीब 12000 रुपये 40 फीट कंटेनर पर करीब 20000 रुपये और कैपिंग पर दो लाख 50 हजार रुपये सबिसडी दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2019- 20 के नवंबर माह तक पिछले साल के मुकाबले करीब 95 फीसदी निर्यात लक्ष्य को हासिल किया गया। इससे पहले 2019- 20 में राज्य के निर्यातकों ने एक लाख 20 हजार 356 करोड़ रुपये के उत्पाद निर्यात किए थे।
निर्यातकों की संख्या बढ़ाने पर विचार
प्रदेश सरकार ने अगले तीन सालों में राज्य से तीन लाख करोड़ का निर्यात लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने में नई निर्यात नीति की भूमिका अहम होगी। राज्य में करीब 10 हजार निर्यातक हैं। इनकी संख्या बढ़ाने पर सरकार काम कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार की मंशा है कि हर जिले को निर्यात हब के तौर पर तैयार किया जाए। इस दिशा में भी काम चल रहा है। जिलों में डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जा रही है।
स्रोत : पत्रिका
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