आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना : पात्रता, योजना की अवधि, अनुमानित व्यय
लोकसभा में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ- साथ नए रोजगार के सृजन हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार की हानि के पुनःस्थापन हेतु प्रारंभ की गई है।
इस योजना के तहत;
- 15,000/- रु. से कम मासिक वेतन पाने वाला वह कर्मचारी, जो 1 अक्तूबर, 2020 से पूर्व कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पंजीकृत किसी प्रतिष्ठान में कार्य नहीं कर रहा था एवं उसके पास 1 अक्तूबर, 2020 से पूर्व सार्वभौमिक लेखा संख्या अथवा ईपीएफ सदस्य संख्या नहीं थी, लाभ हेतु पात्र होगा।
- 15,000/- रु. से कम मासिक वेतन पाने वाला सार्वभौमिक लेखा संख्या (यूएएन) धारक ईपीएफ का कोई भी सदस्य, जो 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान रोजगार से निकाल दिया गया तथा 30.09.2020 तक ईपीएफ से कवर किए गए किसी प्रतिष्ठान में रोजगार में नियुक्त नहीं हुआ, वह भी लाभ लेने हेतु पात्र होगा।
लोकसभा में पूछे गए प्रश्न एवं तत्सम्बंधी उत्तर:
भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या-959
सोमवार, 08 फरवरी, 2021/19 माघ, 1942 (शक)
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
959. श्री परबतभाई सवाभाई पटेलः
श्री नारणभाई काछड़ियाः
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ए.वी.आर.वाई) अनुमोदित की है;
(ख) यदि हां, तो भारत में विशेषरूप से गुजरात में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में यह योजना कब तक उपयोगी होगी; और
(ग) सरकार द्वारा क्रियान्वयन की गई योजना की कुल अवधि अर्थात् 2020 से 2023 तक के लिए अनुमोदित व्यय (करोड़ रुपए में) कितना है?
उत्तर
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
(श्री संतोष कुमार गंगवार)
(क) से (ग): आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ- साथ नए रोजगार के सृजन हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार की हानि के पुनःस्थापन हेतु प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत;
- 15,000/- रु. से कम मासिक वेतन पाने वाला वह कर्मचारी, जो 1 अक्तूबर, 2020 से पूर्व कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पंजीकृत किसी प्रतिष्ठान में कार्य नहीं कर रहा था एवं उसके पास 1 अक्तूबर, 2020 से पूर्व सार्वभौमिक लेखा संख्या अथवा ईपीएफ सदस्य संख्या नहीं थी, लाभ हेतु पात्र होगा।
- 15,000/- रु. से कम मासिक वेतन पाने वाला सार्वभौमिक लेखा संख्या (यूएएन) धारक ईपीएफ का कोई भी सदस्य, जो 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान रोजगार से निकाल दिया गया तथा 30.09.2020 तक ईपीएफ से कवर किए गए किसी प्रतिष्ठान में रोजगार में नियुक्त नहीं हुआ, वह भी लाभ लेने हेतु पात्र होगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा कार्यानिवित की जा रही यह योजना एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों/उद्योगों के नियोक्ताओं पर वित्तीय दबाव कम करती है एवं उन्हें और अधिक कर्मचारियों को रखने के लिए प्रोत्साहित करती है। एबीआरबाई के तहत, भारत सरकार ईपीएफओ से पंजीकृत प्रतिष्ठानों की कर्मचारी संख्या के आधार पर, कर्मचारियों के अंशदान (वेतन का 12%) तथा नियोक्ता के देय अंशदान (वेतन का 12%)- दोनों का अथवा केवल कर्मचारियों का अंशदान वहन कर रही है। यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से शुरू की गई है और 30 जून 2021 तक पात्र नियोक्ताओं और नए कर्मचारियों के पंजीकरण के लिए चालू रहेगी। सरकार पंजीकरण की तारीख से दो साल के लिए सब्सिडी का भुगतान करेगी।
सरकार द्वारा योजना के कार्यान्वयन की कुल अवधि, अर्थात् 2020 से 2023 तक हेतु अनुमानित परिव्यय 22810 करोड़ रु. है।
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Source : Loksabha
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