जल जीवन मिशन के तहत 4 करोड़ की संख्या पार और 38 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन
जल शक्ति मंत्रालय
जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने जल जीवन मिशन के 4 करोड़ की संख्या पार करने तथा 38 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने पर प्रसन्नता जताई
02 APR 2021
जल शक्ति राज्यमत्री श्री रतन लाल कटारिया ने ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन के नये कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराने में 4 करोड़ की संख्या पार करने पर प्रसन्नता जताई तथा अधिकारियों को बधाई दी। अभी तक ग्रामीण आबादी के 38 प्रतिशत से अधिक लोगों को कवर किया जा चुका है जिनमें से 21.14 प्रतिशत घरों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2019 में मिशन के आरम्भ होने के बाद से नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। अभी तक 58 जिलों, 711 प्रखण्डों, 44,459 पंचायतों तथा 87,009 गांवों में एफएचटीसी का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया गया है। श्री कटारिया पिछले सप्ताह कोविड-19 पॉजिटिव होने तथा उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल होने के बावजूद डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए लगातार अपने आधिकारिक कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
श्री कटारिया को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) टेक्नोलॉजी आधारित सेंसरों का उपयोग करते हुए पांच राज्यों में गांवों में जलापूर्ति की प्रभावी ढ़ंग से निगरानी करने के लिए निष्पादित सफल पायलट परियोजना के बारे में भी जानकारी दी गई। इसे टाटा कम्युनिटी इनिशियेटिव्स ट्रस्ट (टीसीआईटी) तथा टाटा ट्रस्टों के सहयोग से किया गया है। विभिन्न कृषि-जलवायु जोनों को कवर करते हुए पांच राज्यों अर्थात उत्तराखण्ड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं हिमाचल प्रदेश में फैले गांवों की इस पायलट परियोजना के लिए पहचान की गई।
आईओटी यूजरों को आपूर्ति की जाने वाली जल की मात्रा एवं गुणवत्ता के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, ग्रामीण जल आपूर्ति समिति (वीडब्ल्यूएससी) के सदस्यों तथा आम लोगों को वास्तविक समय जानकारी उपलब्ध करायेगा। यह भू-जल प्रवाह, दबाव स्तर, क्लोरीन एनालाइजर तथा भू-जल के सतह को देखने के लिए सेंसरों का उपयोग करेगा। यह दूषित जल की आपूर्ति रोकने, रिसाव बंद करने तथा संसाधान विकास एवं संवर्धन के लिए योजना बनाने में वीडब्ल्यूएससी को महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
पायलट परियोजना की सफलता ने राज्यों को सक्रियतापूर्वक इस प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया है। गुजरात, बिहार, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश सहित कई राज्यों ने पहले ही कई जिलों के 500 गांवों तक आईओटी आधारित रिमोट मोनिटरिंग सिस्टम्स के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। इसके अतिरिक्त सिक्किम मणिपुर, गोवा, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड जैसे राज्यों ने इस प्रौद्योगिकी को आरम्भ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
श्री कटारिया ने सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति में सुधार लाने में प्रौद्योगिकी के महत्व को स्वीकारा। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी के लिए सख्त क्वारंटाइन प्रोटोकॉलों का अनुपालन करने के दौर में भी प्रौद्योगिकी ने दुनिया के साथ वर्चुअल कनेक्ट में सफल बनाया है तथा लोगों को काम करने और अपना योगदान देने में मदद की है।
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Source: PIB
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