आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि इस मंत्रालय द्वारा शहरों में कम मूल्य पर आवास प्रदान करने हेतु किसी भी अभिकरण (एजेंसी) को उत्तरदायित्व नहीं दिया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय नोडल एजेंसियों को प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में शहरी स्थानीय निकायों, आवास बोर्डों, विकास प्राधिकरणों इत्यादि के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यान्वयन के लिए निर्दिष्ट किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत ISSR के माध्यम से 30 वर्गमीटर तक के क्षेत्र पर आवास निर्माण हेतु एक लाख रूपये की प्रति आवास केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
वहीं CLSS के माध्यम से EWS/LIG, MIG-I तथा MIG-II श्रेणियों के लाभार्थियों को 6 लाख रूपये, 9 लाख रूपये तथा 12 लाख रूपये तक की ऋण राशि पर क्रमश: 6.5%, 4% तथा 3% की ब्याज पर सब्सिडी प्रदान की जाती है।
वहीं भागीदारी में किफायती आवास तथा लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण/ विस्तार हेतु 30 वर्गमीटर तक के आवास निर्माण हेतु 1.50 लाख रूपये की केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
लोकसभा में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक इस योजना के अंतर्गत कुल 83,62,795 आवास अनुमोदित किये गये हैं जिनमें से 48,31,580 आवास निर्माण की विभिन्न अवस्थाओं में हैं तथा 26,07,913 आवास का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
Source : Loksabha
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