टेक्सटाइल सेक्टर में तेजी लाने के लिए सरकार तैयार कर रही है योजना
कृषि क्षेत्र के बाद सर्वाधिक रोजगार सृजन करने का क्षेत्र टेक्सटाइल सेक्टर का है, इसी सेक्टर में तेजी लाने के उद्येश्य से सरकार कई नीतिगत बदलाव करने जा रही है. इसके लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड के लिए 30 करोड़ तक का प्रावधान किया गया है. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए जागरण के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
जागरण: नई दिल्ली, राजीव कुमार। कृषि के बाद देश में सबसे अधिक रोजगार का सृजन करने वाले टेक्सटाइल सेक्टर के प्रोत्साहन के लिए सरकार कई नीतिगत बदलाव करने जा रही है। इनमें टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड के तहत 30 करोड़ तक की सब्सिडी प्रावधान के साथ विशेष टेक्सटाइल विश्वविद्यालय की स्थापना एवं अन्य वित्तीय समर्थन की योजना शामिल हैं। सभी पोर्ट पर टेक्सटाइल निर्यात के लिए गोदाम बनाने के साथ सरकारी विभागों में टेक्निकल टेक्सटाइल(पीपीई में प्रयोग हो रहे) के इस्तेमाल को अनिवार्य किए जाने की भी योजना तैयार की जा रही है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में टेक्सटाइल क्षेत्र का योगदान 2 फीसद है।
टेक्सटाइल क्षेत्र से सीधे तौर पर 4.5 करोड़ तो अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 6 करोड़ लोग जुड़े हैं। हाल ही में आत्मनिर्भर भारत के तहत मैन्युफैक्चरिंग एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चुने गए 12 सेक्टर में भी टेक्सटाइल सेक्टर शामिल हैं।
घरेलू स्तर पर टेक्सटाइल व अपैरल का कारोबार 100 अरब डॉलर का है। वहीं वस्तुओं के निर्यात में टेक्सटाइल का योगदान 15 फीसद है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक टेक्सटाइल क्षेत्र में घरेलू व निर्यात दोनों ही स्तर पर विस्तार की पूरी गुंजाइश को देखते हुए सरकार यह योजना तैयार कर रही है।
एक ही जगह पर मैन्युफैक्चरिंग की तमाम सुविधाएं
चीन की तरह भारत में काफी बड़े स्तर पर ही एक ही जगह पर टेक्सटाइल की पूरी चेन स्थापित होगी ताकि अंतिम उत्पाद की लागत कम हो और निर्यात के बड़े ऑर्डर लिए जा सके। इस काम के लिए वैश्विक स्तर की सुविधा वाले मेगा टेक्सटाइल पार्क का निर्माण किया जाएगा।
विशेष टेक्सटाइल विश्वविद्यालय
उच्च स्तरीय तकनीकी और गुणवत्ता वाले उत्पादन को अंजाम देने के लिए कुशल कारीगर और उच्च प्रशिक्षित टेक्सटाइल कर्मियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए टेक्सटाइल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
व्यापार समझौता
टेक्सटाइल के प्रोत्साहन के लिए उन देशों के साथ व्यापार समझौता करने का प्रयास किया जाएगा जहां अभी भारत टेक्सटाइल आइटम नहीं बेच पा रहा है। यूरोपीय यूनियन और यूके के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करना पहली प्राथमिकता होगी। अभी टेक्सटाइल निर्यात में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश भारत को ईयू में चुनौती देते है। एफटीए होने के बाद यूरोप में भारत इन देशों के साथ आसानी से मुकाबला कर पाएगा।
ब्रांड इंडिया को प्रोत्साहन
विश्व स्तर पर भारत की पहचान और ताकत को दर्शाने के लिए ब्रांड इंडिया को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस काम में सरकार मैन्युफैक्चरर्स को मदद देगी। ब्रांड इंडिया के सृजन से उत्पाद की कीमत भी अच्छी मिलेगी। सरकारी योजना के मुताबिक सभी प्रकार के टेक्सटाइल एवं गारमेंट निर्यात के लिए ब्याज दरों में अतिरिक्त छूट देने की स्कीम जारी रहेगी।
टेक्निकल टेक्सटाइल का अनिवार्य इस्तेमाल
रेलवे, सरकारी अस्पताल, सुरक्षा क्षेत्र में टेक्निकल टेक्सटाइल के इस्तेमाल को अनिवार्य किया जा सकता है ताकि टेक्निकल टेक्सटाइल के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके। अभी यह अनिवार्य नहीं है।
Source: जागरण
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