मुख्यमंत्री ने किया गोधन न्याय योजना की शुरुआत
आज दिनांक 20 जुलाई को हरेली के पर्व पर गोधन न्याय योजना का शुभारम्भ किया गया है. इस योजना के तहत मवेशियों के मालिकों से गोबर दो रूपये प्रति किलो के दर से ख़रीदा जाता है और परिवहन व्यय भी सरकार प्रदान करता है. इस योजना की शुरुआत पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा और ग्रमाीण अर्थव्यस्था को मजूबत करना है।
जागरण: रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने हरेली फेस्टिवल पर 'गोधन न्याय योजना' का शुभारंभ किया है। इसके साथ ही इस जश्न में रायपुर में हिस्सा लिया। हरेली के अवसर पर राज्य के कई अधिकारियों ने शुभकामनाएं भी दी है। योजना के तहत सरकार पशुपालकों से गोबर खरीदेगी। सरकार ने गोबर का परिवहन व्यय सहित दो रुपये प्रति किलो दाम तय किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू की गई है। बता दें कि कृषि मंत्री रवींद चौबे के मुताबिक मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने गाय का गोबर खरीदने की सिफारिश की थी।
गोधन न्याय योजना
गोधन न्याय योजना का मकसद पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुधन की सुरक्षा और ग्रमाीण अर्थव्यस्था को मजूबत करना है। इस योजना के बारे में मुख्यमंत्री ने 25 जून के ट्वीट कर जानकरी दी थी। हरेली उत्सव पर ही इस योजना को शुरू करने का उन्होंने एलान किया था।
हरेली पर्व के बारे में
बता दें कि हरेली पर्व को कृषि गतिविधियों की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है। इस योजना का राज्य में काफी चलन है। यह फेस्टिव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में त्यौहारों की शुरुआत हरेली फेस्टिवल से ही होती है। इस दिन यहा पर उनके कुलदेवता की पूजा का चलन है। उत्सव के दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पहले अच्छे से साफ-सफाई कर उसे घर के आंगन में रखकर पूजा-अर्चना करते हैं। गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है और इस पर्व पर गाय-बैलों को बीमारी से बचाने के लिए नमक भी खिलाया जाता है। बता दें कि देश इस वक्त कोरोना संकट से जूझ रहा है। ऐसे वक्त में इस योजना को लॉन्च किया है।
स्रोत: जागरण
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