नवीन रोजगार छतरी योजना का शुभारम्भ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि आर्थिक समानता से ही सभी तबकों का सर्वांगीण विकास हो सकता है. इसीलिए उन्होंने ये भी कहा कि अन्य सभी तबकों के लिए कई प्रकार की योजनाएं लायी जाती है लेकिन दलित अनुसूचित जाति के गरीब लोगों के लिए कोई योजना नहीं लायी जाती. इसलिए उन्होंने एक योजना की शुरुआत की है "नवीन रोजगार छतरी योजना". इसके तहत इन लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिसके द्वारा लोग परचून की दुकान, जनरेटर सेट, लॉन्ड्री व ड्राई क्लीनिंग, साइबर कैफे, टेलरिंग, बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट, टेंट हाउस, गौ-पालन आदि प्रकार के रोजगार कर सकेंगे. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए अमर उजाला के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
अमर उजाला: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर अनुसूचित जाति के गरीब व्यक्तियों के सर्वांगीण विकास के लिए ‘नवीन रोजगार छतरी योजना’ का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आर्थिक समानता ही सामाजिक समानता का आधार बनती है।
अगर एक तबका मजबूत हो जाए और दूसरा तबका कमजोर हो, तो ऐसा समाज कभी आत्मनिर्भर नहीं बन सकता है। संतुलन न केवल सामाजिक बल्कि आर्थिक स्तर पर भी होना चाहिए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के तहत कार्य कर रही है।
इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के 3,484 लाभार्थियों के खातों में 17 करोड़ 42 लाख रुपये ऑनलाइन हस्तांतरित किए गए। मुख्यमंत्री ने रायबरेली, गोरखपुर, बस्ती, मेरठ, आजमगढ़ और मुरादाबाद के लाभार्थियों से संवाद भी किया।
लाभार्थियों ने उन्हें बताया कि वे इस राशि का उपयोग परचून की दुकान, जनरेटर सेट, लॉन्ड्री व ड्राई क्लीनिंग, साइबर कैफे, टेलरिंग, बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट, टेंट हाउस, गौ-पालन आदि के लिए करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से न केवल आर्थिक जगत के साथ ही सामाजिक और अन्य व्यवस्थाएं भी प्रभावित हुई हैं। इन परिस्थितियों में भी प्रदेश सरकार लोगों को आर्थिक मदद देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने का कार्य कर रही है।
बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर व अन्य महापुरुषों ने सामाजिक समानता का जो सपना देखा था, उसे अमलीजामा पहनाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार कर रही है।
प्रधानमंत्री ने गरीबों के कल्याण के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की। इसके माध्यम से गरीब, दलित, वंचित लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से गरीबों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है।
गरीबों को महीने में दो बार अनाज दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार श्रमिकों को रोजगार देने और उनके समायोजन के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले या दैनिक कार्य करने वाले सभी लोगों को 1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया गया है।
निर्माण श्रमिकों को भी दो-दो बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया है। अब तक 1 करोड़ 25 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा गया है। 3 करोड़ 56 लाख प्रधानमंत्री जनधन खातों में 500-500 रुपये भेजे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने प्रत्येक बैंक शाखा को लक्ष्य दिया है कि वे कम से कम दो अनुसूचित जाति-जनजाति और महिला लाभार्थियों को अनिवार्य रूप से ऋण उपलब्ध कराएं। यूपी में लगभग 18 हजार बैंक शाखाएं हैं। इनके माध्यम से 36 हजार लोगों को लाभान्वित किया जा सकता है।
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान भी लोगों के आर्थिक उन्नयन का काम प्रदेश सरकार कर रही है।
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. गिरिराज सिंह धर्मेश, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल भी उपस्थित थे। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में प्रदेश में अनुसूचित जाति के 1,77,491 लोगों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
स्रोत: अमर उजाला
Post a Comment