PM Kisan Yojana : राज्य सरकार के सत्यापन के बाद मिलती है क़िस्त
किसानों को सरकार द्वारा सालाना 6 हजार 2-2 हजार के तीन किस्तों में दी जा रही है, लेकिन कुछ राज्यों में इस योजना के अंतर्गत धोखाधरी पाया गया है. इसी धोखाधरी को रोकने के लिए सरकार ने राज्य सरकारों को सत्यापन के बाद ही क़िस्त जमा करने का आदेश दिया है. इसके तहत किसानों की जानकारियों का मिलान किया जा रहा है और उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच भी की जा रही है. अगर इस वेरिफिकेशन में कोई गड़बड़ी दिखती है तो उस किसान का नाम लिस्ट से निकाल दिया जाता है.
जनसत्ता: PM KISAN YOJANA: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6 हजार रूपये की आर्थिक मदद दी जाती है। सरकार 2-2 हजार रूपये की तीन क़िस्त के जरिए यह रकम किसानों के खातो में ट्रान्सफर करती है। अब तक 6 क़िस्त जारी की जा चुकी है और सातवीं क़िस्त ट्रान्सफर करने की तैयारी चल रही है। योजना के नियमों के मुताबिक अगली क़िस्त दिसम्बर से मार्च के बीच में कभी भी जारी कर सकती है।
वहीं इस योजना में तमिलनाडु में फर्जीवाडा सामने आने के बाद सरकार सख्त हो गई है। तमिलनाडु में कई अपात्र किसान धोखे से इस स्कीम में शामिल हो गए थे। अपात्र किसानों तक इस योजना का लाभ न पहुंचे इसके लिए सरकार एक्शन मोड में हैं और राज्यों से किसानों का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है।
किसानों की तमाम जानकारियों का मिलान किया जा रहा है। वहीं उनके दिए दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। कहीं किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर लाभार्थियों की सूची से ऐसे किसानों का नाम हटाया जा रहा है। ऐसे में जिस भिआवेदक के रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी है उसका ढंग से वेरिफिकेशन किया जा रहा है।
यह संख्या कुल आवेदन की 10.6 फीसदी है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लाखों किसानों का वेरिफिकेशन पेंडिंग है। किसान इस उम्मीद में बैठे हैं कि उनका डाटा भी जल्द से जल्द वेरीफाई किया जाए ताकि उन्हें भी क़िस्त मिल सके। पीएम किसान सम्मान निधि में वेरिफिकेशन जरुरी है लिहाजा सरकार इस पर एक्शन मोड में नजर आ रही है।
स्रोत: जनसत्ता
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