केंद्र ने दी इजाजत : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अब खरीदी जा सकती है जमीन
केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए यह कहा है कि अब कोई भी भारतीय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कहीं भी जमीन खरीद सकते हैं. गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी हरी झंडी देते हुए नई अधिसूचना जारी कर दी। हालांकि खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश में कहा गया है कि सामान्य आदेश अधिनियम, 1897 इस आदेश की व्याख्या के लिए लागू होता है क्योंकि यह भारत के क्षेत्र में लागू कानूनों की व्याख्या के लिए है।
स्रोत: अमर उजाला: केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला किया है। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में देश का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है और वहां बस सकता है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी हरी झंडी देते हुए नई अधिसूचना जारी कर दी। हालांकि खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी।
गृह मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि इस आदेश को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकूलन) तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश में कहा गया है कि सामान्य आदेश अधिनियम, 1897 इस आदेश की व्याख्या के लिए लागू होता है क्योंकि यह भारत के क्षेत्र में लागू कानूनों की व्याख्या के लिए है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है, 'हम चाहते हैं कि बाहर के उद्योग जम्मू-कश्मीर में स्थापित हों, इसलिए औद्योगिक भूमि में निवेश की जरूरत है। लेकिन खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों पास ही रहेगी। बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ वहां के निवासी ही जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकते थे। मोदी सरकार की नई अधिसूचना के मुताबिक अब बाहर के लोग भी यहां जमीन खरीद सकेंगे।
With notification of UT of Jammu and Kashmir Reorganisation (Adaptation of Central Laws) Third Order, 2020, twelve state laws have been repealed as a whole out of the 26 others adapted with changes and substitutes. https://t.co/JeBB5UvdbZ
— ANI (@ANI) October 27, 2020
गृह मंत्रालय ने ये फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत लिया है। इसके तहत अब कोई भी भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीद सकता है। इसके लिए उसे किसी भी तरह के स्थानीय निवासी होने का सबूत देने की जरूरत नहीं होगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था। इसके बाद 31 अक्तूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया था। इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के एक साल बाद जमीन के कानून में बदलाव किया गया है।
स्रोत: अमर उजाला
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