प्रवासी मजदूरों के लिए 50,000 घर बनाएंगी ये तेल कंपनियां
कोरोना महामारी संकट के दौरान बहुत सारे मजदूर जो अपने शहर से दूर काम कर रहे थे वे लोग अपना काम छोड़कर अपने शहर को वापस लौट आये. इन्ही कठिनाइयों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बहुत दिनों से मंथन करते हुए एक योजना शुरू करने जा रही है, इसके अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50,000 मकान बनाने का निर्देश दिया गया है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL), गेल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी को अपनी जमीनों पर प्रवासी श्रमिकों के लिए मकान बनाने को कहा है.
News18: नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच एक राज्य से दूसरे राज्य में काम की तलाश में पहुंचे प्रवासी मजदूर (Migrant Workers) वापस अपने शहरों को लौट गए. इसके बाद प्रवासी मजदूरों की सुविधाओं को लेकर मंथन शुरू हुआ. इसी कड़ी में केंद्र सरकार (Central Government) ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50,000 मकान बनाने का निर्देश दिया है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL), गेल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी को अपनी जमीनों पर प्रवासी श्रमिकों के लिए मकान बनाने को कहा है.
निर्देश के बाद कंपनियों ने तेज की जमीन तलाशने की कवायद
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) की अध्यक्षता में हाल में हुई एक बैठक में उन्होंने कंपनियों को आवासीय इकाइयों के लिए जल्द से जल्द योजना बनाने को कहा. मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद कंपनियों ने अपने प्रतिष्ठानों के आसपास प्रवासी मजदूरों के लिए मकान बनाने लायक जमीनों की तलाश (Land Search) तेज कर दी है. बता दें कि प्रवासी मजदूर इन मकानों में बहुत कम किराया (Low Rent) देकर रह सकेंगे. हालांकि, कुछ कंपनियों के अधिकारी सरकार की इस योजना से सहमत नहीं हैं.
स्रोत: News18
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